भारत में भी फैल रहा चीनी वायरस! HMPV के अब तक 7 मामले; जानिए इससे बचने के उपाय

HMPV Virus in India : विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस नया नहीं है और यह पहले से फैल चुका वायरस है. इसकी पहचान 2001 में हुई थी. यह अपने आप भी ठीक हो जाते हैं. इसके लिए पर्याप्त आराम और हाइड्रेशन की जरूरत होती है.
नई दिल्ली
चीन में कहर मचा रहा ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस अब भारत तक पहुंच गया है. कर्नाटक, गुजरात और तमिलनाडु के बाद इस वायरस की अब महाराष्ट्र में भी होने की पुष्टी हुई है. नागपुर में दो बच्चे एचएमपीवी वायरस से संक्रमित मिले हैं, जिससे मंगलवार को देश में अब तक कुल मामलों की संख्या 7 हो गई है. महाराष्ट्र सरकार ने इस संबंध में एडवाइजरी भी जारी की है. वहीं एचएमपीवी के बढ़ते केस के बीच केंद्र ने राज्यों से देश में श्वसन संबंधी बीमारियों पर निगरानी की समीक्षा करने को कहा है.
केंद्र सरकार ने विश्व स्वास्थ्य संगठन को पहले ही कह दिया है कि हमें समय-समय पर ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस से संबंधित अपडेट देते रहना चाहिए.

एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के सांस लेने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है. इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं. हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है. वायरस संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है. इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसी परेशानी भी हो सकती है. वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं. सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा ने कहा है कि भारत का निगरानी नेटवर्क सतर्क बना हुआ है और देश किसी भी उभरती स्वास्थ्य चुनौती का तुरंत जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि चिंता करने की कोई बात नहीं है. हम स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं.
देश में एचएमपीवी वायरस के मामले बढ़ने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्चुअल मोड में राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के साथ बैठक की. स्वास्थ्य सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि राज्यों को इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) निगरानी को मजबूत करना चाहिए और इसकी समीक्षा करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश श्वसन संबंधी बीमारी के मामलों में किसी भी संभावित स्थिति के लिए तैयार है.

ये बैठक भारत में श्वसन संबंधी बीमारियों की वर्तमान स्थिति और चीन में एचएमपीवी मामलों में उछाल की रिपोर्ट के बाद रखी गई थी. इसके साथ ही इस बैठक में सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों की भी समीक्षा की गई. इसमें सचिव (डीएचआर) डॉ. राजीव बहल, डीजीएचएस डॉ. (प्रो.) अतुल गोयल, राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और अधिकारी, एनसीडीसी, आईडीएसपी, आईसीएमआर, एनआईवी और आईडीएसपी की राज्य निगरानी इकाइयों के विशेषज्ञ शामिल हुए.
राज्यों को वायरस के संक्रमण की रोकथाम के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाने की सलाह दी गई है.
- साबुन से बार-बार हाथ धोना
- बिना धुले हाथों से अपनी आंखें, नाक या मुंह को छूने से बचना
- ऐसे लोगों के साथ निकट संपर्क से बचना जिनमें बीमारी के लक्षण दिख रहे हों
- खांसते और छींकते समय मुंह और नाक को ढकना
- बुखार, खांसी और छींक आ रही है तो वे सार्वजनिक स्थानों से दूर रहें
- खूब पानी पिएं और पौष्टिक भोजन खाएं
- संक्रमण को कम करने के लिए सभी स्थानों पर बाहरी हवा के साथ पर्याप्त वेंटिलेशन जरूरी
- यदि आप बीमार हैं तो घर पर रहें और दूसरों से संपर्क सीमित रखें.
- बीमार हैं तो लोगों से हाथ न मिलाएं तथा टिशू पेपर और रुमाल का उपयोग करें
एचएमपीवी वायरस जानलेवा नहीं है – आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक
एचएमपीवी कई श्वसन वायरस में से एक है, जो सभी उम्र के लोगों में संक्रमण का कारण बन सकता है. वायरस का संक्रमण आमतौर पर हल्का और स्व-सीमित स्थिति वाला होता है और अधिकांश मामले अपने आप ठीक हो जाते हैं.
आईसीएमआर के पूर्व वैज्ञानिक डॉ. रमन गंगाखेडकर ने कहा कि एचएमपीवी निश्चित रूप से जानलेवा नहीं है और आज तक मृत्यु दर या गंभीर संक्रमण दर का कोई सबूत नहीं है. अधिकांश संक्रमण हल्के होते हैं और केवल पांच साल से कम उम्र के बच्चों और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में होते हैं. यह 4 से 5 दिनों तक सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण पैदा कर सकता है. वायरस न्यूमोनाइटिस जैसी बीमारी पैदा कर सकता है, लेकिन मृत्यु दर अभी तक लगभग अज्ञात है. एचएमपीवी का वैश्विक प्रसार लगभग 4 प्रतिशत है.
नागपुर में दो बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि
मंगलवार को महाराष्ट्र के नागपुर में दो बच्चों में एचएमपीवी की पुष्टि हुई. ये दो मामले सात वर्षीय और 13 वर्षीय बच्चे के हैं. शुरू में बच्चों को एच1एन1 (स्वाइन फ्लू) से संक्रमित होने का संदेह था, लेकिन बाद में पॉलीमरेज चेन रिएक्शन (पीसीआर) परीक्षणों ने एचएमपीवी की पुष्टि की.
मामले पर गंभीरता से संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने जेजे अस्पताल की डीन डॉ. पल्लवी सैपले की अध्यक्षता में एक टास्क फोर्स का गठन किया है, जो स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) तैयार करेगी. राज्य स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी कर जिला प्रशासन को सर्दी-खांसी के मरीजों की निगरानी बढ़ाने के साथ ही उन पर कड़ी नजर रखने को कहा है.
वहीं महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अंबाडेकर ने एचएमपीवी वायरस को लेकर विभाग की एक आपात बैठक बुलाई है. मंत्री ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं. चिकित्सा शिक्षा आयुक्त राजीव निवतकर ने भी सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन के साथ वर्चुअल बैठक कर एचएमपीवी रोगियों से निपटने की उनकी तैयारियों की समीक्षा की और उन्हें उठाए जाने वाले कदमों के बारे में जानकारी दी.
बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) अलर्ट मोड में आ गया है और एचएमपीवी रोगियों के इलाज के लिए विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “एचएमपीवी वायरस से डरने की कोई बात नहीं है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार यह वायरस नया नहीं है, यह वायरस पहले भी प्रचलित था. ऐसा लगता है कि यह वायरस एक बार फिर से वापसी कर रहा है. इस संबंध में नियमों की घोषणा की जाएगी.”
एचएमपीवी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं: तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री
तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) कोई नया और खतरनाक संक्रमण नहीं है. ऐसे में इसको लेकर घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार ने यह भी कहा कि राज्य में इससे संक्रमित मिले दो व्यक्ति ठीक हैं. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मा. सुब्रमण्यन ने बताया कि उनमें से एक 69 वर्षीय सलेम का निवासी है जो कैंसर, उच्च रक्तचाप और मधुमेह से ग्रस्त है, जबकि दूसरा, 45 वर्षीय चेन्नई का निवासी है. दोनों ठीक है. एचएमपीवी को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है और केंद्र ने भी इस पर जोर दिया है.