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दुनिया बैलेट पेपर पर लौट रही, हम EVM पर निर्भर…मल्लिकार्जुन खरगे ने सरकार को घेरा, जानिए खास बातें

मल्लिकार्जुन खरगे ने गुजरात में कांग्रेस अधिवेशन में ईवीएम पर सवाल उठाए और भाजपा पर चुनावी फायदे के लिए ईवीएम इस्तेमाल का आरोप लगाया. उन्होंने मोदी सरकार पर विपक्ष को बोलने नहीं देने का भी आरोप लगाया.

हाइलाइट्स
  • मल्लिकार्जुन खरगे ने ईवीएम पर सवाल उठाए.
  • खरगे ने भाजपा पर चुनावी धांधली का आरोप लगाया.
  • खरगे ने मोदी सरकार पर विपक्ष को बोलने नहीं देने का आरोप लगाया.

नई दिल्ली

कांग्रेस चीफ मल्लिकार्जुन खरगे ने फिर चुनावी प्रक्रिया में ईवीएम पर सवाल उठाया है. गुजरात में कांग्रेस के दो दिवसीय अधिवेशन में बुधवार को मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि दुनिया भर के तमाम विकसित देश ईवीएम को छोड़ बैलेट पेपर की ओर लौट रहे हैं और एक हम हैं जो अब भी ईवीएम पर ही निर्भर हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने चुनावी फायदे के लिए ईवीएम इस्तेमाल कर रही है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार निशाना साधा और कहा कि यह सरकार पिछले 11 सालों से सत्ता में है, लेकिन दुर्भाग्य देखिए कि विपक्ष के किसी भी नेता को सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है.

ईवीएम को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ‘जहां एक तरफ पूरी दुनिया बैलेट पेपर की तरफ लौट रही है, वहीं दूसरी तरफ हम आज भी अपनी चुनावी प्रक्रियाओं को संपन्न कराने के लिए ईवीएम पर निर्भर हैं और ईवीएम की पारदर्शिता को लेकर हमेशा से ही सवाल उठते आ रहे हैं, लेकिन अफसोस मौजूदा सरकार इस दिशा में किसी भी प्रकार का कदम उठाती हुई नजर नहीं आ रही है. इस सरकार ने ऐसे तरीके ईजाद कर लिए हैं, जिससे उन्हें फायदा पहुंचे, लेकिन मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि आने वाले दिनों में इस देश के नौजवान उठ खड़े होंगे और कहेंगे कि हमें ईवीएम नहीं चाहिए.’

‘यह सरकार विपक्ष को बोलने नहीं देती’
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा, ‘यह सरकार पिछले 11 सालों से सत्ता में है मगर विपक्ष के किसी भी नेता को सदन में अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया जाता है. यहां तक कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी बोलने नहीं दिया जाता है. ऐसे में आप इस बात का सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं कि जब लोग राहुल गांधी सरीखे नेता को बोलने नहीं दे रहे हैं, तो भला इस देश के आम लोगों को कैसे बोलने देंगे? यह अपने आप में बड़ा सवाल है, जिस पर हम सभी को एकजुट होकर विवेचना करनी होगी.’

‘सरकार का बोलने पर पहरा’
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार का बोलने पर भी पहरा है. उन्होंने कहा, ‘मौजूदा हुकूमत अगर विपक्ष की अभिव्यक्ति की आजादी पर प्रहार कर रही है, तो यह बात बड़ी आसानी से समझी जा सकती है कि यह सरकार किस मानसिकता के साथ काम कर रही है. यह कहने में कोई गुरेज नहीं होना चाहिए कि इस सरकार की यह मानसिकता इस मुल्क के आवाम के लिए कतई ठीक नहीं होगी.’

गुजरात में कांग्रेस का अधिवेशन क्यों?
खरगे ने कांग्रेस अधिवेशन को लेकर उठाए जा रहे तमाम सवालों का भी मंच से जवाब भी दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 140 साल के इतिहास में 86 अधिवेशन हुए. इनमें 6 अधिवेशन गुजरात की धरती पर हुए, जिनमें 3 अहमदाबाद शहर में हुए. अहमदाबाद हमारे लिए तीर्थ स्थल जैसा है. यहां साबरमती आश्रम है, सरदार पटेल राष्ट्रीय स्मारक है. यह अधिवेशन महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी है और सरदार पटेल की 150वीं जयंती को समर्पित है. बेलगावी में 26 दिसंबर को हमने घोषणा की थी कि हमारा अगला अधिवेशन गुजरात में होगा. महात्मा गांधी ने देश को नहीं बल्कि पूरी दुनिया को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाया और इसी तरीके से आजादी भी दिलाई. दुनिया भर में महात्मा गांधी जी की प्रतिमाएं हैं और डाक टिकट जारी हुए हैं. यह दिखाता है कि उनके उसूलों का कितना सम्मान है.

AICC session

कांग्रेस अधिवेश में मौजूद सभी नेता.

कांग्रेस के निर्माण में गुजरात का अमूल्य योगदान
मल्लिकार्जुन खरगे कहा कि कांग्रेस के निर्माण में गुजरात का अमूल्य योगदान रहा है. यहां पैदा हुई तीन महान हस्तियों- दादाभाई नौरो, महात्मा गांधी, सरदार पटेल- ने पूरे विश्व में अपना और कांग्रेस का नाम रोशन किया है. ये सभी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं. हमारे महान नेता सरदार पटेल ने देश की रियासतों का एकीकरण करके एक मजबूत राष्ट्र बनाया. इस साल 31 अक्टूबर को हम पूरे देश में सरदार पटेल की 150वीं जयंती धूमधाम से मनाएंगे. कल उनकी श्रद्धांजलि के रूप में विस्तारित सीडब्ल्यूसी की बैठक सरदार पटेल स्मारक में आयोजित की गई. हमें फक्र है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस गुजरात में ही 1938 में कांग्रेस अध्यक्ष बने. संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष रहे बाबा साहेब अंबेडकर के जीवन को प्रभावित करने में गुजरात का बड़ा योगदान रहा है. हम जहां यह अधिवेशन कर रहे हैं- वह ‘प्रेरणा भूमि’ है. यहीं से 12 मार्च 1930 को 79 सत्याग्रहियों के साथ अंग्रेजों के खिलाफ़ दांडी मार्च निकाला गया था. इस सत्याग्रह से अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी.

कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन
दरअसल, कांग्रेस का दो दिवसीय अधिवेशन गुजरात में हो रहा है. इसमें देश के कोने-कोने से नेता शामिल होने पहुंचे हैं. इस अधिवेशन में सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शामिल हुए, लेकिन इस बैठक में प्रियंका गांधी शामिल नहीं हुईं. इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. कांग्रेस अधिवेशन की शुरुआत झंडावंदन से हुई. इसके बाद मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने विभिन्न मुद्दों का जिक्र कर केंद्र की मोदी सरकार पर जोरदार निशाना साधा.

 

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