दिल्ली

प्रियंका गांधी के संसद भवन में पहले सियासी भाषण का उन्‍नाव कनेक्‍शन.. किस पर करारा टॉन्‍ट दे मारा…

Priyanka Gandhi first speech in Parliament : वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने पहली बार संसद में भाषण दिया. खासतौर पर संविधान पर चर्चा के दौरान उन्‍होंने अपनी बातें रखीं. आइये जानते हैं उन्‍होंंने क्‍या-कया कहा…

नई दिल्‍ली/लखनऊ 

लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने सदन में अपना पहला भाषण दिया. उनका भाषण सुनने के लिए न केवल उनके परिवार के सदस्‍य यहां विशेष रुप से आए थे, बल्कि सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के लोग भी उनकी बारी के इंतजार में थे. प्रियंका ने अपने भाषण की शुरुआत में ही उत्‍तर प्रदेश की चर्चित घटनाओं का जिक्र किया, जिसमें उन्‍होंने खास तौर पर उन्‍नाव रेप केस, आगरा में अरुण वाल्‍मीकि की पुलिस हिरासत में मौत और संभल हिंसा का पर उल्‍लेख किया. साथ ही प्रियंका ने नाम लिए बिना ज्योतिरादित्य सिंधिया पर भी हमला बोला और कहा कि वो ‘वॉशिंग मशीन में धुल गए हैं.’

हम सबके बच्‍चे हैं, हम सोच सकते हैं…
प्रियंका गांधी ने सदन में पहली बार बोलते हुए कहा कि ‘आजादी की लड़ाई से एक आवाज उभरी और वो आवाज ही आज हमारा संविधान है. ये महज दस्‍तावेज भर नहीं. ये सुरक्षित भविष्‍य की उम्‍मीद का अधिकार है. उम्‍मीद और आशा की ये ज्‍योत मैंने देश के कोने-कोने में खुद देखी. उन्‍नाव में मैं रेप पीड़िता के घर गई. वो शायद 20 से 21 साल की होगी. हम सबके बच्‍चे हैं. हम सोच सकते हैं क‍ि जब हमारी बेटी के साथ बार-बार लात्‍कार हुआ हो और फि‍र जब वो अपनी लड़ाई के लिए गई तो उसको जलाकर मार डाल गया होता तो हम पर क्‍या बीतती? मैं उस बच्‍ची के पिता से मिली. उसके खेत जलाए गए थे. उसके भाइयों को पीटा गया था.’

ये मेरी लड़ाई है और मैं इसे लडूंगी…
उन्‍होंने आगे कहा कि ‘रेप पीड़िता के पिता को घर से बाहर घसीटकर मारा गया. उस पिता ने मुझसे कहा कि मेरी बेटी ने मुझसे कहा कि मुझे न्‍याय चाहिए. मेरी बेटी अपनी FIR दर्ज करने के लिए अपने जिले में गई तो उसे मना किया गया. मजबूरी में उसे दूसरे जिले में जाना पड़ा. वो सुबह छह बजे उठकर तैयार होकर अपने केस को लड़ने के लिए ट्रेन से दूसरे जिले में जाती थी. तो मैंने उससे कहा कि बेटी अकेले मत जाओ, छोड़ दो ये लड़ाई.. तो बेटी ने जवाब दिया कि नहीं पिता जी मैं जाऊंगी. ये मेरी लड़ाई है और मैं इसे लडूंगी. तो मैं ये कहना चाहती हूं कि ये लड़ने की क्षमता, ये हिम्‍मत उस लड़की और भारत की करोड़ों नारियों को हमारे संविधान ने दी.’

‘दीदी हमें केवल न्‍याय चाहिए’..
कांग्रेस सांसद ने अगला उदाहरण आगरा में उस अरुण वाल्‍मीकि का दिया, जिसकी पुलिस हिरासत में मौत हुई थी. प्रियंका ने कहा कि ‘मैं उसके घर गई. वह पुलिस स्‍टेशन में सफाई का काम करता था. आप सोच सकते हैं हमारी तरह उसका भी परिवार था. नई-नई शादी हुई थी. दो से तीन महीने का बच्‍चा था. पुलिस स्‍टेशन में चारी हो गई तो इल्‍जाम उस पर लगाया गया. पूरे परिवार को उठाकर पुलिस स्‍टेशन ले गए. (इतने में कोई सांसद हंसा तो प्रियंका ने टोकते हए कहा कि आप हंस रहे हैं, लेकिन ये गंभीर बात है).’ वह आगे बढ़ते हुए कहती हैं कि अरुण को पीट-पीटकर मारा गया. उसे पिता के नाखून निकाले गए. उसके पूरे परिवार को पीटा गया. जब मैं उसकी जवान पत्‍नी को मिलने गई तो उसने मुझसे एक चीज कही कि दीदी हमें केवल न्‍याय चाहिए. उसका ऐसा कहना ही संविधान की बदौलत है, जो हमें इसकी ताकत देता है.’

संभल हिंसा का किया जिक्र
प्रियंका गांधी ने आगे कहा कि ‘संभल में मृतकों को परिवार के कुछ मेंबर हमसे मिलने के लिए आए थे. उसमें अदनाना और उजैन के परिवार वाले थे. इन मारे गए बच्‍चों में एक तो मेरे बच्‍चे की उम्र का तो दूसरा उससे छोटा था. ये दर्जी के बच्‍चे थे. वह शख्‍स उन्‍हें पढ़ा लिखाकर कुछ बनाना चाहता था. उनके पिता रोज उन्‍हें स्‍कूल छोड़ने जाते और उस दिन भी ऐसा ही किया और वे दुकान चले गए. बच्‍चों ने भीड़ देखी, घर आने की कोशिश की तो पुलिस ने देखते ही गोली मार दी. पिता ने बताया कि वो 17 साल का बच्‍चा मुझसे कहता है कि मैं बड़ा होकर डॉक्‍टर बनकर दिखाऊंगा और आपका सपना पूरा करूंगा. उस बच्‍चे में ये सपना और आशा हमारे संविधान ने जगाई थी.’

किस पुराने साथी पर करारा टॉन्‍ट मारा?
इसके बाद अपने भाषण में प्रियंका गांधी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया पर साधा निशाना और कहा कि ‘कुछ लोग पहले हमारे साथ थे अब वहां चले गए हैं और वॉशिंग मशीन में धुल गए हैं. दरअसल, प्रियंका गांधी के साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया यूपी में कांग्रेस के प्रभारी थे. वह गांधी परिवार के करीब थे. 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत सिंधिया के नेतृत्व में मिली थी, लेकिन सीएम कमलनाथ को बनाया गया.. इससे सिंधिया नाराज हो गए. उनकी नाराजगी दूर करने के लिए उनको संगठन में ऊंची जगह दी गई गई थी. उनको प्रियंका गांधी के साथ यूपी की जिम्मेदारी दी गई. वह महासचिव बनाए गए, लेकिन बाद में उन्‍होंने पाला बदल लिया और बीजेपी में शामिल हो गए.’

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