चांदीपुरा वायरस बड़ा खतरनाक, बच्चों पर करता है सीधा अटैक, 100 में से 70 की हो सकती है मौत
एम्स में पीडियाट्रिक विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. एम बाजपेयी ने न्यूज 18 इंडिया को बताया कि इस वायरस के चपेट में आने से 100 में से 70 बच्चों की मौत हो सकती है. डॉ. बाजपेयी ने बताया कि इस वायरस में बहुत कम समय में यानी की 24 से 48 घंटे में मृत्यु हो सकती है. उन्होंने इससे बचने के उपाय भी बताए हैं.
देश के चार राज्यों में खतरनाक देसी वायरस ने अपने पांव पसार लिए हैं. इस वायरस का नाम चांदीपुर वायरस है, जिससे मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 12 हो गई है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी पुणे को अलर्ट पर रखा गया है.
एम्स में पीडियाट्रिक विभाग के पूर्व एचओडी डॉ. एम बाजपेयी ने न्यूज 18 इंडिया को बताया कि इस वायरस के चपेट में आने से 100 में से 70 बच्चों की मौत हो सकती है. डॉ एम बाजपेयी ने कहा कि इसमें मोर्टेलिटी 56 से 70 फीसदी तक है.
वायरस से बच्चों को कैसे बचाएं?
डॉ. एम बाजपेयी ने बताया कि इस वायरस में बहुत कम समय में यानी की 24 से 48 घंटे में मृत्यु हो सकती है. इसलिए जरूरी यह है कि हाइजीन का ध्यान रखें. सफाई की जरूरत है. फुल स्लीव्स वाले कपड़े पहने. मच्छरों से बच्चे. जैसे ही लक्षण होता है अस्पताल तुरंत जाएं. इसमें कोई एंटी वायरस थेरेपी नहीं होती है. अगर मरीज जल्दी अस्पताल पहुंच जाएं तो इलाज सही वक्त पर हो जाएगा.
क्या हैं लक्षण?
डॉ. एम बाजपेयी ने कहा कि जैसे फ्लू के साधारण लक्षण होते हैं इसमें भी लगभग वही लक्षण पाए जाते हैं जैसे कि बुखार आता है, सिरदर्द होता है, डायरिया हो सकता है, दौरे भी पड़ सकते हैं, यह ब्रेन को बहुत ही जल्दी पकड़ता है. बहुत जल्दी बच्चा कोमा में चला जाता है और मौत तक हो सकती है. इसलिए इस मौसम में इस तरह के लक्षण आने पर उसे हल्के में ना लें.
इसका नाम चांदीपुर वायरस क्यों?
वर्ष 1965 में पहली बार महाराष्ट्र के नागपुर के पास चांदीपुर में इसका केस पाया गया था. उसी की वजह से इस वायरस का नाम चांदीपुरा पड़ा. इस वायरस को साल 2004, 2006 और 2019 में आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में रिपोर्ट किया गया. वर्ष 2007 में आंध्र प्रदेश में भी केस रिपोर्ट दर्ज किए गए इसके केसेस समय-समय पर आते रहे हैं.
कहां-कहां फैला यह वायरस?
गुजरात में अपने पांव पसारने के बाद चांदीपुरा वायरस ने महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश के बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया है. सभी बच्चों के खून के सैंपल पुणे की राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (National Institute of Virology for confirmation–NIV) भेजे गए हैं. गुजरात के साबरकांठा, अरवल्ली, महिसागर और राजकोट में इसके मामले सामने आए हैं. गुजरात के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि जहां चांदीपुर वायरस के फैलाव सामने आया है वहां अब तक 8600 लोगो की स्क्रीनिंग की जा चुकी है. यहां पूरे इलाके को 26 जोन में बांटा गया है.
चांदीपुरा वायरस के फैलाव वाले जिलों में सर्विलांस
सूत्रों के मुताबिक, गुजरात के जिन इलाकों में वायरस के संक्रमण की सूचना मिल रही है, वहां तेजी से सर्विलांस को बढ़ा दिया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया और दूसरे माध्यमों से एडवाइजरी भी जारी की जा रही है. इन इलाकों में अगर कोई सस्पेक्ट आ रहा है तो उसे प्राथमिकता के आधार पर ट्रीट किया जाए.