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कपिल सिब्बल बोले: पीएम ने न ट्रंप का नाम लिया, न US का; पहली बार किसी तीसरे देश ने हमारे मामले में दखल दिया

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सवाल उठाया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए न अमेरिका का नाम लिया, न ट्रंप की मध्यस्थता के दावे का जिक्र किया। उन्होंने पूछा कि पाकिस्तान से संघर्षविराम की समझौता कैसे हुआ और तीसरे देश की दखल पर पीएम चुप क्यों हैं।

नई दिल्ली

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने सोमवार को सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने देश के नाम संबोधन में न तो अमेरिका और  न ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम लिया, जबकि वे दोनों भारत और पाकिस्तान के संघर्ष में दखल देने का दावा कर चुके हैं। सिब्बल ने कहा कि पीएम मोदी ने यह भी नहीं बताया कि पाकिस्तान के साथ सैन्य कार्रवाई रोकने की समझौता कैसे हुआ।

उन्होंने कहा, हर कोई जानता है कि 10 मई को दोपहर साढ़े तीन बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारत के डीजीएमओ को फोन किया और शाम साढ़े पांच बजे ट्रंप ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दावा किया कि अमेरिका ने संघर्ष विराम में मध्यस्थता की। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह जरूर कहा कि भारत पाकिस्तान की परमाणु धमकी के आगे नहीं झुकेगा और आतंकवाद व व्यापार, आतंकवाद व बातचीत साथ नहीं चल सकते। लेकिन, ट्रंप ने कुछ ही मिनट पहले दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान से कहा कि अगर आप लोग युद्ध बंद करेंगे, तो हम व्यापार करेंगे, नहीं तो नहीं करेंगे।

 

सिब्बल ने इस पर तंज कसते हुए कहा, ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने परमाणु युद्धरोका और व्यापार के जरिए भारत-पाकिस्तान को रोकने में मदद की। लेकिन पीएम मोदी ने अपने भाषण में इसका जिक्र तक नहीं किया। सिब्बल ने कहा, मोदी जी कहते हैं कि ऑपरेशन सिंदूर से हमने एक नया आयाम स्थापित किया है। हां, पहली बार किसी तीसरे देश (अमेरिका) ने हमारे मामलों में दखल दिया और कहा कि हम तय करेंगे क्या करना है।

उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा, अगर पाकिस्तान फिर कुछ करता है तो जवाब देंगे। इसका मतलब आतंकवाद अभी खत्म नहीं हुआ। पुलवामा और पहलगाम हमले किसकी निगरानी में हुए? जिम्मेदारी कौन लेगा? सिब्बल ने कहा कि ट्रंप ने तो आतंकवाद का जिक्र तक नहीं किया, जैसे यह कोई मुद्दा ही नहीं है। आखिर में, विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने एक संक्षिप्त बयान में बताया कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की बातचीत के बाद यह फैसला लिया गया कि जमीन, हवा और समुद्र  तीनों मोर्चों पर सैन्य कार्रवाइयां तत्काल प्रभाव से रोकी जाएंगी। यह जानकारी सबसे पहले ट्रंप ने ही सोशल मीडिया पर दी थी।

 

 

 

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