नोटबंदी पर फैसले की समीक्षा करने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई याचिका

नई दिल्ली
बीती 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 4-1 से नोटबंदी के फैसले में कहा था कि सरकार का फैसला दोषपूर्ण और जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें नोटबंदी पर सुप्रीम कोर्ट के 2 जनवरी को दिए फैसले की समीक्षा करने की मांग की गई है। याचिका वकील एमएल शर्मा ने दाखिल की है। एमएल शर्मा उन 58 याचिकाकर्ताओं में शामिल थे, जिन्होंने बीते साल नवंबर में भी सुप्रीम कोर्ट में सरकार के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की थी। याचिका में याचिकाकर्ता ने कहा है कि बेंच ने नोटबंदी पर अपने फैसले में उनके लिखित तर्कों पर विचार नहीं किया था, जिससे न्याय नहीं हुआ। याचिका में सुप्रीम कोर्ट से फैसले पर पुनर्विचार का विनम्र निवेदन किया गया है।
बता दें कि विवेक नारायण शर्मा के नेतृत्व में नोटबंदी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 58 याचिकाएं दाखिल की गईं थी। इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए बीती 2 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की बेंच ने 4-1 से नोटबंदी के फैसले में कहा था कि सरकार का फैसला दोषपूर्ण और जल्दबाजी में लिया गया फैसला नहीं था। अपने फैसले में जस्टिस एसए नजीर ने कहा कि आर्थिक मामलों पर सरकार की नीति में कोर्ट कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा जब तक यह तथ्यों और विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर आधारित ना हो।
बता दें कि बेंच में शामिल जस्टिस बीवी नागरथ ने नोटबंदी के फैसले की आलोचना की थी और कहा था कि 500 और 1000 रुपए के नोट बंद करना गैरकानूनी था।