भारत की अदालतें न्याय का मंदिर हैं जो बेजुबान लोगों का विश्वास बहाल कर सकती हैं।:कपिल सिब्बल

लखीमपुर मामले का स्वत: संज्ञान लेने पर सिब्बल ने chief justice को दिया धन्यवाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने Supreme court द्वारा लखीमपुर खीरी हिंसा मामले का स्वत: संज्ञान लिए जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश को बुधवार को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत की अदालतें न्याय का मंदिर हैं जो बेजुबान लोगों का विश्वास बहाल कर सकती हैं।
Supreme Court ने यूपी के लखीमपुर खीरी में हुई घटना का स्वत: संज्ञान लिया है। Court ने इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का फैसला किया है। यूपी के डिप्टी चीफ मिनिस्टर केशव प्रसाद मौर्य के लखीमपुर दौरे से पहले किसानों के प्रदर्शन के दौरान तीन अक्टूबर को भड़की हिंसा में आठ लोग मारे गए थे। आरोप है कि घटना में एक SUV ने चार किसानों को कुचल दिया जो तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। बाद में गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने कथित तौर पर बीजेपी के दो कार्यकर्ताओं और एक चालक को पीट-पीटकर मार डाला जबकि हिंसा के दौरान एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई।
सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘मामले का स्वत: संज्ञान लेने के लिए प्रधान न्यायाधीश का धन्यवाद। यह समय की आवश्यकता है। यह और भारत की अदालतें न्याय का मंदिर हैं, जो अक्सर अनाथ महसूस करने वाले बेजुबान लोगों का विश्वास बहाल कर सकती हैं।’’
सिब्बल के ट्वीट के जवाब में कांग्रेस नेता एवं वकील विवेक तन्खा ने कहा, ‘‘हां, कपिल जी। इस तरह की बर्बरता के बाद अगर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो यह हमारे लोकतंत्र और न्याय वितरण प्रणाली पर धब्बा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘Supreme court इस प्रकार के स्वतंत्र फैसले लेकर लोगों का भरोसा जीत रहा है।’’
इससे पहले दिन में, सिब्बल ने Supreme Court से इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था
उन्होंने ट्वीट किया था, ‘‘एक ऐसा समय था जब youtube, कोई सोशल मीडिया नहीं था, तब Supreme Court प्रिंट मीडिया की खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाता था। उसने उन लोगों की आवाज सुनी, जिनकी कोई नहीं सुन रहा था।’’
वरिष्ठ वकील सिब्बल ने कहा, ‘‘आज हमारे नागरिकों पर गाड़ी चढ़ाई जाती है और उनकी हत्या कर दी जाती है। Supreme Court से आग्रह है कि वह इस पर कदम उठाए।’’