ग्लोबल फंड ने जारी की रिपोर्ट, गरीब देशों में कोविड से ज्यादा मौतें टीबी और एड्स से होंगी

पेरिस
कोरोना की महामारी ने दुनिया में घातक बीमारियों एचआईवी एड्स, मलेरिया और तपेदिक यानी टीबी के खिलाफ जंग पर विनाशकारी असर डाला है। ग्लोबल फंड की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड महामारी के कारण गरीब देशों में स्वास्थ्य प्रणालियों में व्यवधान के कारण दन बीमारियों से सैकड़ों हजारों लोग मर जाएंगे। फंड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एचआईवी टेस्टिंग और रोकथाम से जुड़ी सेवाओं में बहुत ज्यादा गिरावट आई है।
फंड के कार्यकारी निदेशक पीटर सैंड्स ने कहा, संगठन की 20वीं वर्षगांठ पर हमारी रिपोर्ट बड़े बदलावों को सामने लाती है। उन्होंने कहा कि पिछले दो दशकों में हमने एचआईवी, टीबी और मलेरिया के खिलाफ जो जंग लड़ी थी, उस पर कोरोना महामारी की भयावहता भारी साबित हुई है। उन्होंने कहा, पहली बार हमारे जांच, नतीजे और परिणाम पहले के मुकाबले निराशाजनक रहे हैं। एचआईवी से जुड़ी जांच और रोकथाम के अभियानों पर बुरा असर पड़ा है।
एचआईवी जांच में 22 फीसदी की गिरावट
2019 के मुकाबले एचआईवी रोकथाम और इलाज कराने वालों की संख्या 11 फीसदी गिर गई है, जबकि एचआईवी टेस्टिंग में 22 फीसदी की गिरावट देखी गई है। ज्यादातर देशों में कोरोना से जुड़ी पाबंदियों के कारण एचआईवी इलाज में बुरा असर पड़ा।
कर्नाटक में कोरोना को उबरे लोग हो रहे टीबी के शिकार
कर्नाटक में कोरोना को मात दे चुके मरीजों को एक नई समस्या से जूझना पड़ रहा है। इन मरीजों में टीबी की समस्या देखने को मिल रही है। पिछले माह तक राज्य में ऐसे करीब 25 मामले सामने आ चुके हैं। सरकार ने एहतियाती कदम उठाते हुए कोरोना से ठीक हो चुके सभी मरीजों की टीबी जांच शुरू करा दी है।