‘पार्टियों को तोड़ने और पुराने मामलों का पता लगाने के लिए हो रहा पुलिस का इस्तेमाल’,: उद्धव ठाकरे

‘पार्टियों को तोड़ने और पुराने मामलों का पता लगाने के लिए हो रहा पुलिस का इस्तेमाल’, उद्धव का दावा…..
मुंबई
पुलिस का उपयोग प्रतिद्वंद्वी सियासी दलों को तोड़ने और उनके खिलाफ पुराने मामलों को खोलने के लिए किया जा रहा है। पुलिस को काम करने की पूरी आजादी दी जानी चाहिए। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने यह बात क्राइम रिपोर्टर प्रभाकर पवार की किताब ‘थरार’ के विमोचन के मौके पर कही।
ठाकरे ने कहा, कांग्रेस के समय (शासनकाल में) पुलिस शिवसैनिकों को धमकी देती थी कि कांग्रेस में शामिल हो जाइए, वरना उन पर आतंकवादी और विघटनकारी गतिविधि अधिनियम (टाडा) के तहत मामला दर्ज किया जाएगा। यह बात अब भी हो रही है। पुलिस को इस्तेमाल राजनीतिक दलों को तोड़ने या पुराने मामलों का पता लगाने और प्रतिद्वंद्वी दलों को खत्म करने के लिए किया जा रहा है। क्या इसका अंत होगा?
बदलापुर दुष्कर्म मामले के आरोपी अक्षय शिंदे की हत्या का जिक्र करते हुए ठाकरे ने कहा कि इस कृत्य में शामिल पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिन्होंने आदेश जारी किया था।
इस महीने की शुरुआत में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी शिंदे की हिरासत में मौत के मामले में पांच पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी का आदेश दिया था, जिन्होने कथित तौर पर शिंदे को पुलिस वाहन में गोली मारकर हत्या कर दी थी, साथ ही एक एसआईटी गठित करने का भी आदेश दिया था।