अजमेर दरगाह केस में आज कोर्ट में क्या-क्या हुआ? लगी एक के बाद एक 10 एप्लीकेशन..

अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर आज कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई में आज तीन पक्षकारों को अपना जवाब पेश करना था. लेकिन इस पर बहस शुरू होने से पहले इस मामले में पक्षकार बनाने के लिए पांच संस्थाओं और लोगों ने अर्जियां दाखिल कर दी. कोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 24 जनवरी मुकर्रर की है.
अजमेर
अजमेर दरगाह में शिव मंदिर होने के दावे को लेकर सिविल कोर्ट में दायर की गई याचिका पर आज सुनवाई हुई. कोर्ट ने इस मामले में याचिकाकर्ता की याचिका पर तीन पक्षों अजमेर दरगाह कमेटी, अल्पसंख्यक मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को नोटिस देकर आज अपना पक्ष प्रस्तुत करने को कहा था. इस पर तीनों संस्थाओं के वकीलों ने अपने-अपने तर्क रखे. उसके बाद पांच अन्य संस्थाओं और वादियों की ओर से कोर्ट में अर्जियां पेश कर उनको भी पक्षकार बनाने की मांग की गई. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले में बिना कोई टिप्पणी किए हुए अगली सुनवाई की तारीख दे दी. अब अगले साल 24 जनवरी इस मामले में सुनवाई होगी.
नोटिस के जवाब में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और अल्पसंख्यक मंत्रालय के वकील बसंत कुमार विजयवर्गीय ने कहा कि इस मामले में हमको भी वादी के आधार वाले दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएं ताकि हम अपना दस्तावेजों के साथ जवाब पेश कर सकें. इस पर जज ने उनको सात दिन में दस्तावेज पेश करने को कहा. वहीं दरगाह कमेटी के वकील अशोक माथुर ने याचिका खारिज करने की अर्जी लगा दी. उस पर भी 24 जनवरी को सुनवाई होगी.
आज सुनवाई के दौरान पांच संस्थाओं और लोगों की तरफ पक्षकार बनाने के लिए वन 10 की एप्लीकेशन लगाई गई. इनमें अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान, गुलाम दस्तगीर अजमेर, ए इमरान बैंगलोर और राज जैन होशियारपुर पंजाब की ओर से पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई गई है. कोर्ट में आज दरगाह मामले में सुनवाई को लेकर भारी भीड़ रही. वहीं अतिरिक्त पुलिस जाब्ता भी तैनात रहा. इस दौरान वादी हिन्दू सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता भी मौजूद रहे.
अगली सुनवाई में तय होगा कौन-कौन बन सकता है पक्षकार
अपने वकील के साथ कोर्ट पहुंचे दरगाह दीवान के पुत्र नसरुद्दीन अली ने कहा कि कहा हम ख्वाजा साहब के वंशज हैं. हमें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए था. आज कोर्ट में केवल पक्षकार बनने और बनाने की बात पर बहस होती रही. मामले में पक्षकार बनने के इच्छुक संस्थाओं और वादियों ने अपनी अर्जियां कोर्ट में दाखिल है. अब इन पर अगली तारीख पर बहस होगी. उसके बाद यह तय होगा कि कौन-कौन पक्षकार बन सकता है और कौन नहीं? इसके लिए वादियों के वकील अपने-अपने तर्क रखेंगे.
वादी के वकील बोले अनावश्यक किसी को पक्षकार नहीं बनाएं
आज कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद कोई टिप्पणी नहीं करते हुए सुनवाई की अगली तारीख दे दी है. अब 24 जनवरी को इस पर बड़ा अपडेट आने की संभावना है. वहीं कोर्ट में पक्षकार बनने के लिए लगाई जा गई अर्जियों को लेकर याचिकाकर्ता वादी विष्णु गुप्ता के वकीलों ने कहा अनावश्यक रूप से सबको पक्षकार नहीं बनाया जाना चाहिए. बिना पक्षकार बने किसी को भी दस्तावेजों की नकल नहीं दी जाए.