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‘चुनाव से पहले कितनों को जेल में डालेंगे…’ आखिर सुप्रीम कोर्ट ने क्यों बदल दिया मद्रास हाईकोर्ट का फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा यूट्यूबर सत्ताई की रद्द जमानत को बहाल किया. सत्ताई की जमानत को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि यूट्यूबर ने अंडरटेकिंग देने के बाद फिर से कुछ दिनों के भीतर ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट किया था. शीर्ष कोर्ट ने जमानत बहाल करते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि स्वतंत्रता (अनु. 19क) का दुरुपयोग हुआ है.

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन के खिलाफ कथित अपशब्द बोलने वाले यूट्यूबर सत्ताई दुरईमुरुगन को दी गई जमानत को बहाल कर दी है. कोर्ट ने अभियोजन पक्ष को डांट तगाते हुए हुए कहा, ‘चुनाव से पहले हम यूट्यूब पर आरोप लगाने वाले हर व्यक्ति को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर देंगे, तो कल्पना कीजिए कि कितने लोग जेल जाएंगे.’

जस्टिस एएस ओका और उज्जल भुइयां की पीठ ने जमानत देते हुए कहा, ‘हमें नहीं लगता कि किसी के विरोध और विचार व्यक्त करने पर यह कहा जा सकता है कि उसने अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है.’

शीर्ष कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट द्वारा यूट्यूबर सत्ताई की रद्द जमानत को बहाल किया. सत्ताई की जमानत को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि यूट्यूबर ने अंडरटेकिंग देने के बाद फिर से कुछ दिनों के भीतर ही तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक कमेंट किया था. शीर्ष कोर्ट ने जमानत बहाल करते हुए कहा कि यह नहीं कहा जा सकता कि स्वतंत्रता (अनु. 19क) का दुरुपयोग हुआ है.

तमिलनाडु सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने सुझाव दिया कि यूट्यूबर को अपशब्द बोलने से रोकने के लिए, उन पर कड़ी शर्तें लगाई जानी चाहिए. पीठ ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘यह अदालत तय करेगी कि क्या निंदनीय है और क्या नहीं.’

यूट्यूबर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की गई थी जिसमें कहा गया है कि वह बाबरी मस्जिद के विध्वंस की निंदा करते हुए विरोध प्रदर्शन में भाग लेने पर जोर दे रहे थे. वह अपने इस वीडियो में कथित तौर पर उग्र होकर बोल रहे थे और हिरासत में लिए गए कुछ लोगों की रिहाई की मांग कर रहे थे. इस पर भी सुप्रीम कोर्ट ने कमेंट किया है.

कोर्ट ने कहा, ‘हमें नहीं लगता कि विरोध करने और अपने विचार व्यक्त करने से यह कहा जा सकता है कि अपीलकर्ता ने उसे दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग किया है. हमें तो नहीं लगता है कि इस आधार पर जमानत रद्द कर सकते हैं.’

सत्ताई दुरईमुरुगन को तमिलनाडु पुलिस ने 2021 में अपने यूट्यूब वीडियो में एमके स्टालिन और अन्य की आलोचना करने के लिए गिरफ्तार किया था. शुरुआत में मद्रास हाई कोर्ट ने अपमानजनक कमेंट से बचने की शर्त पर उन्हें जमानत दे दी थी, लेकिन जून 2022 में, राज्य सरकार की एक याचिका के बाद उनकी जमानत रद्द कर दी गई थी. उसमें कहा गया था कि अपने वादे के बावजूद दुरईमुरुगन की लगातार अपमानजनक कमेंट किया था.

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