हेल्थ

खून की कमी के बढ़ रहे मरीज, शरीर में दिखें ये लक्ष्ण तो हो जाएं सावधान; वरना जकड़ सकती है गंभीर बीमारी

आजकल विशेष कर महिलाओं और बच्चों में खून की ज्यादा कमी देखी जा रही है. इसकी प्रमुख वजह रहन-सहन व खान पान है. आजकल लोग बाहर का लजीज खाना ज्यादा पसंद करते हैं, जो कई बिमारियों को दावत देता है.

गुमला. 

आज के इस वर्तमान समय में लोगों में खून की कमी यानी एनीमिया की समस्या दिनों दिन बढ़ रही है. इसका प्रमुख कारण लोगों का रहन सहन व खानपान है. विशेषकर महिलाओं में ये समस्या अधिक देखने को मिलती है. शरीर में हीमोग्लोबिन का लेवल कम होने से एनीमिया /खून की कमी संबंधित बिमारी होती है. यदि सही समय पर ध्यान ना दिया जाए, तो आगे चलकर ये गंभीर समस्याओं का कारण भी बन सकती है. इस खबर में हम आपको खून की कमी होने पर शरीर में दिखाई देने वाले कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं. जिससे आप खुद घर बैठे जान सकते हैं कि कहीं आपके शरीर में भी तो खून की कमी नहीं हो रही है.

गुमला सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉक्टर अनुपम किशोर ने बताया कि आजकल विशेष कर महिलाओं व बच्चों में खून की ज्यादा कमी देखी जा रही है. इसकी प्रमुख वजह है, रहन – सहन व खान पान है. आजकल लोग बाहर का लजीज खाना ज्यादा पसंद करते हैं, जो कई बिमारियों को दावत देता है. उन्हीं में से एक है खून की कमी और उससे संबंधित होने वाली कई बिमारियां. अगर आपके शरीर में निम्न लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो सावधान हो जाएं आपके शरीर में भी खून की कमी हो रही है.

ऐसे कर सकते हैं पहचान
बहुत ज्यादा कमजोरी लगना, बार – बार चक्कर आना, सर में दर्द व भारीपन, सांस लेने में तकलीफ, हाथ – पैरों का ठंडा रहना, भूख नहीं लगना इत्यादि खून की कमी होने के कुछ आम लक्षण हैं. अगर आपके शरीर में इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो डॉक्टर से जरूर आकर मिलें. डॉक्टर द्वारा इलाज कर दवा,आयरन की गोली दी जाती है.

इससे निपटने के लिए स्कूल के बच्चियों को भी स्कूल में ही सप्ताह में एक नीली गोली खाने के लिए दी जाती है. अस्पताल में गर्भवती महिलाओं, बच्चों व अन्य सभी के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है. खून की कमी से बचने के लिए आप घरेलू उपयोग में हरे पत्तेदार साग सब्जियां, पालक, फल – फूल का सेवन करें.संभव हो तो चुकंदर, चना, गुड़, मडुवा इत्यादि का सेवन नियमित रूप से करें. मडुवा/रागी में आयरन की मात्रा अधिक होती है.

इससे निपटने के लिए स्कूल के बच्चियों को भी स्कूल में ही सप्ताह में एक नीली गोली खाने के लिए दी जाती है. अस्पताल में गर्भवती महिलाओं, बच्चों व अन्य सभी के लिए पर्याप्त मात्रा में दवा उपलब्ध है. खून की कमी से बचने के लिए आप घरेलू उपयोग में हरे पत्तेदार साग सब्जियां, पालक, फल – फूल का सेवन करें.संभव हो तो चुकंदर, चना, गुड़, मडुवा इत्यादि का सेवन नियमित रूप से करें. मडुवा/रागी में आयरन की मात्रा अधिक होती है.

सरकार भी चलाती है प्रोग्राम
इन छोटे-छोटे उपाय करके खून की कमी से बचा जा सकता है. एनीमिया की रोकथाम के लिए सरकार द्वारा हर छः माह ,साल भर में नियमित रूप से विशेष रूप से प्रोग्राम भी चलाया जाता है. हमारा जिला आदिवासी बहुल इलाका है. यहां की महिलाओं में खून की कमी होने का प्रमुख कारण कृमि है. इसलिए एल्बेंडाजोल की जो गोली दी जाती है, उसे जरूर खाएं.

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