भूल जाइए पीरियड्स की टेंशन, इन छात्राओं की अनोखी किट मुश्किल दिनों को बनाएगी आसान

कोडरमा में कक्षा नौ में पढ़ने वाली दो छात्राओं ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस के मंच पर अपने वैज्ञानिक कौशल का ऐसा प्रदर्शन किया कि उनका चयन स्टेट लेवल के लिए हो गया. यही नहीं, उन्हें 1100 रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया गया. जानिए इनके इस नवाचार को…
कोडरमा. कोडरमा के ग्रिज़ली विद्यालय की छात्राओं ने राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एनसीएससी) में शानदार प्रदर्शन कर विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया है. कोडरमा में आयोजित राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस (एनसीएससी) के 31वां संस्करण में ग्रिजली विद्यालय के उभरते छात्र वैज्ञानिकों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर अमिट छाप छोड़ी.
अपने मेंटर कुणाल अम्बष्ठा के मार्गदर्शन में विद्यालय की दो प्रतिभाशाली छात्रा कक्षा नौ की साक्षी कुमारी एवं शुभांगी ने अपनी असाधारण वैज्ञानिक परियोजनाओं से तथा अपने नवीन विचारों से निर्णायकों को प्रभावित करते हुए रांची में होने वाली राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में अपनी जगह बना ली है. उनका पीपीटी प्रेजेंटेशन देख निर्णायक भी हैरान रहे गए.
1100 रुपए नगद पुरस्कार मिला
छात्राओं की परियोजना (Innovative menstrual kit for school girl and women) ने न केवल वैज्ञानिक कौशल का प्रदर्शन किया, बल्कि वास्तविक दुनिया की चुनौतियों की गहरी समझ भी प्रदर्शित की. दोनों छात्राओं के द्वारा तैयार प्रोजेक्ट महिलाओं के मासिक धर्म (पीरियड्स) के दौरान उनकी मुश्किलों को काफी हद तक आसान करने में सहायक होगा. इस प्रोजेक्ट का प्रस्ताव पसंद आया और इस आधार पर दोनों का चयन हुआ है. इसे बनाने में 1100 रुपये की लागत आएगी. इसके बाद प्रोजेक्ट को तैयार कर स्टेट लेवल कंपटीशन में पेश करना है. दोनों छात्राओं को प्रतिष्ठित विद्या सिन्हा मेमोरियल अवार्ड से सम्मानित किया गया. छात्रों के समर्पण, रचनात्मकता और उनकी परियोजनाओं के प्रभाव को स्वीकार करते हुए विशेष सम्मान 1100 रुपये नकद देकर सम्मानित किया गया.
छात्राओं ने बताया कि मेंटर के मार्गदर्शन में उन्होंने महिलाओं के मासिक धर्म के दौरान होने वाले कठिनाइयों को कम करने के लिए किट बनाया है, जिसमें मुख्य रूप से हीटिंग पैड और एक वाइब्रेटर का प्रयोग किया गया है. पीरियड आने की संभावित तिथि को महिलाएं इस किट का प्रयोग करेंगी. पीरियड के दौरान महिला स्विच के माध्यम से इस किट को ऑन करेंगी. इसके बाद पीरियड्स के दौरान लीकेज से बचाने में हीटिंग पैड नमी को सोख कर उनकी मदद करेगा. वहीं, वाइब्रेटर बॉडी मसाजर के रूप में कार्य करते हुए शरीर में रक्त के प्रवाह को तेज करेगा. पीरियड के दौरान होने वाले दर्द से महिला को राहत मिलेगी. बताया कि इस किट को तैयार करने में 1100 रुपए की लागत आ रही है, जिसमें हीटिंग पैड, बैटरी, वाइब्रेटर और स्विच शामिल है. इसे उपयोग करने वाले जरूरत के अनुसार पैड को बदल भी सकते हैं.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस भारत में एक राष्ट्रव्यापी विज्ञान संचार कार्यक्रम है. जिसका उद्देश्य युवा दिमागों में वैज्ञानिक स्वभाव को प्रोत्साहित करना है. यह छात्रों को अपनी वैज्ञानिक परियोजनाओं और नवाचारों को प्रदर्शित करने, पूछताछ और आलोचनात्मक सोच की भावना को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है.
इस अवसर पर विद्यालय में आयोजित सम्मान समारोह में विद्यालय के सीईओ प्रकाश गुप्ता ने दोनों छात्राओं तथा उनके मेंटर कुणाल को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया. छात्राओं की इस उपलब्धि पर तथा प्राप्त इस सम्मान से ग्रिज़ली विद्यालय के निदेशकद्वय मनीष कपसिमे, अविनाश सेठ, सीईओ प्रकाश गुप्ता, सीओओ तनिष्क सेठ, उप प्राचार्या अंजना कुमारी, प्रशासक अशरफ खान, संयोजक विजय कुमार सिंह ने साक्षी कुमारी और शुभांगी तथा उनके मेंटर कुणाल अम्बष्ठा को राज्य-स्तरीय प्रतियोगिता के लिए बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है.