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केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दिया जवाब, कहा- देश के 98 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए बने अलग शौचालय

कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कक्षा छह से 12 तक की छात्राओं को स्कूलों में मुफ्त सेनेटरी पेड उपलब्ध कराए जाएं और सभी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बनाए जाने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश दिए जाएं।

 

नई दिल्ली

स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग शौचालय बनाने की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में केंद्र सरकार जवाब दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने कोर्ट में दायर किए हलफनामे में कहा है कि देश के 98 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बनाए गए हैं। दिल्ली, गोवा, पुडुचेरी जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में तो 100 फीसदी विद्यालयों में इसकी व्यवस्था की गई है। जबकि अन्य राज्यों के स्कूलों में भी छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बनाए गए हैं।

दरअसल कांग्रेस नेता और सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें उन्होंने कहा था कि कक्षा छह से 12 तक की छात्राओं को स्कूलों में मुफ्त सेनेटरी पेड उपलब्ध कराए जाएं और सभी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बनाए जाने के लिए केंद्र और राज्यों को निर्देश दिए जाएं। उन्होंने गरीब परिवारों से आने वाली किशोरियों की समस्याओं पर कोर्ट से गौर करने की गुहार लगाई थी।

इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को सभी विद्यालयों में छात्राओं की संख्या के मुताबिक अलग से शौचालय बनाने के लिए मॉडल बनाने और रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा था। साथ ही कोर्ट ने केंद्र से छात्राओं को सेनेटरी नैपकिन वितरित करने के लिए बनाई गई नीति की भी जानकारी मांगी थी।

इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने हलफनामा दायर किया है। इसमें कहा गया कि देश के 10 लाख से अधिक सरकारी स्कूलों में लड़कों के लिए 16 लाख और लड़कियों के लिए 17.5 लाख शौचालयों का निर्माण किया गया है। जबकि सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में लड़कों के लिए 2.5 लाख और लड़कियों के लिए 2.9 लाख शौचालय बनवाए गए हैं। केंद्र ने यह भी कहा कि किशोरियों को मासिक धर्म से जुड़े स्वच्छता उत्पादों को वितरित करने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर नीति बनाने का काम चल रहा है।

इन राज्यों में इतने फीसदी स्कूलों में बन चुके शौचालय
केंद्र ने अदालत को बताया कि पश्चिम बंगाल में 99.9 फीसदी, उत्तर प्रदेश में 98.8 फीसदी, तमिलनाडु में 99.7 फीसदी, केरल में 99.6 फीसदी, सिक्किम, गुजरात और पंजाब में 99.5 फीसदी, छत्तीसगढ़ में 99.6 फीसदी, कर्नाटक में 98.7 फीसदी, मध्य प्रदेश में 98.6 फीसदी, महाराष्ट्र में 97.8 फीसदी, राजस्थान में 98 फीसदी, बिहार में 98.5 फीसदी और ओडिशा में 96.1 फीसदी स्कूलों में छात्राओं के लिए अलग से शौचालय बने हैं। वहीं पूर्वोत्तर राज्य में 98 फीसदी से कम और जम्मू कश्मीर में 89.2 फीसदी स्कूलों में शौचालय की सुविधा है।

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