प्राधिकरण की ओर से 17 अक्तूबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक यह प्रक्रिया उन सभी पानी उत्पादकों के लिए अनिवार्य होगी, जिनके लिए अधिसूचना प्रकाशित होने से पहले उत्पाद के लिए बीआईएस प्रमाणपत्र हासिल करना अनिवार्य था।
नई दिल्ली
देश भर में बोतलबंद पानी की गुणवत्ता को लेकर उठ रहे सवालों के बीच आखिरकार केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए बोतलबंद सामान्य पानी व मिनरलयुक्त पानी को उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थ की श्रेणी में शामिल कर दिया है। अब बोतलबंद पानी का उत्पादन शुरू करने से पहले भारतीय खाद्य सुरक्षा व गुणवत्ता प्राधिकरण (एफएसएसएआई) से लाइसेंस लेना और उत्पादन संयंत्र का निरीक्षण कराना अनिवार्य होगा।
प्राधिकरण की ओर से 17 अक्तूबर को जारी अधिसूचना के मुताबिक यह प्रक्रिया उन सभी पानी उत्पादकों के लिए अनिवार्य होगी, जिनके लिए अधिसूचना प्रकाशित होने से पहले उत्पाद के लिए बीआईएस प्रमाणपत्र हासिल करना अनिवार्य था। यही नहीं, बोतलबंद पानी उत्पादन शुरू होने के बाद भी इसकी गुणवत्ता सही बनी रहे इसके लिए अब साल में एक बार संयंत्र का निरीक्षण जरूरी होगा। इस बारे में 29 नवंबर को प्राधिकरण ने आदेश जारी किया है। आदेश के अनुसार, केंद्रीय स्तर पर खाद्य पदार्थों का उत्पादन लाइसेंस लेने वाले कारोबारियों को प्राधिकरण स्वीकृत फूड सेफ्टी ऑडिटिंग एजेंसियों से साल में अपनी फैक्टरी का निरीक्षण कराना होगा।
नए नियम भी जारी
प्राधिकरण ने उच्च जोखिम वाले खाद्य पदाथों के उत्पादन से संबंधित निरीक्षण को लेकर भी समग्र आदेश जारी किया है। इसके तहत संयंत्रों और उत्पादों के निरीक्षण के लिए नया फ्रेमवर्क बनाया गया है। आदेश में कहा गया है कि उसने अब खाद्य पदार्थों से जुड़े जोखिम को ध्यान में रखकर अधिकारियों को खाद्य कारोबारियों के परिसरों की ज्यादा व्यवस्थित तरीके से अनिवार्य निगरानी में सक्षम बनाया है। इसमें स्वच्छता अंक योजना अथवा तीसरे पक्ष के ऑडिट का अंक हासिल करने वाले कारोबारियों को निगरानी से छूट देने का भी प्रावधान है।
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