टीका लगने के बाद जमता है खून का थक्का? यूरोप में शिकायतों के बाद भारत में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की होगी जांच

नई दिल्ली
एस्ट्राजेनेका टीका लगने के बाद संभावित साइड इफेक्ट्स की भारत में गहन समीक्षा की जाएगी। कुछ यूरोपीय देशों में टीका लगने के बाद खून का थक्का जमने की शिकायतों और टीकाकरण रोके जाने के बाद यह फैसला लिया गया है। हालांकि, भारत में इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन आशंकाओं को खारिज करते हुए कहा है कि एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन से टीकाकरण रोकने की कोई आवश्यकता नहीं है।
डेनमार्क, नॉर्वे, आइसलैंड ने एन्ट्राजेनेका की वैक्सीन का प्रयोग रोक दिया है। टीका लेने वाले कुछ लोगों में खून का थक्का जमने की शिकायतों के बाद एहतियात के तौर पर यह कदम उठाया गया है। कोविड-19 पर भारत के नेशनल टास्क फोर्ट के सदस्य एनके अरोड़ा ने कहा, ”हम सभी प्रतिकूल घटनाओं को देख रहे हैं, खासकर गंभीर घटनाओं जैसे मौत और हॉस्पिटलाइजेशन।”
भारत में अब तक कम से कम 2.8 करोड़ लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है, जिसमें अधिकतर एस्ट्राजेनेका के हैं, जिसका उत्पादन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया में हो रहा है। भारत ने वैक्सीन डिप्लोमैसी के तहत करीब 70 देशों को ये टीके भेजे हैं। कई देशों को टीके मुफ्त में भी दिए गए हैं।
अरोड़ा ने कहा, ”चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि भारत में साइड इफेक्ट्स की संख्या बहुत-बहुत कम है। हम यह देख रहे हैं कि क्या खून का थक्का जमने वाली भी कोई बात है। शुक्रवार तक 59 या 60 मौते हुई हैं, और सभी संयोगवश हैं।” उन्होंने यह बी कहा कि अस्पताल में भर्ती हुए केसों का परीक्षण चल रहा है।
अरोड़ा ने कहा, ”वास्तव में हमारा प्रयास है कि जांच पूरी होते ही हम इसके रिजल्ट को पब्लिक डोमेन में रखेंगे, स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर इसे डाला जाएगा।” भारत में एस्ट्राजेनेका और भारतीय कंपनी भारत बायोटेक की वैक्सीन कोवैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है। देश में एक बार फिर कोरोना के बढ़ते केसों के बीच केवल शुक्रवार को करीब 20 लाख लोगों को टीका लगाया गया।