‘सुप्रीम कोर्ट ने हमारी सभी मांगें खारिज कर दीं और कहा…’, फैसले पर बोले प्रशांत भूषण, क्या थी उनकी डिमांड?
Prashant Bhushan in Supreme Court: सुप्रीम कोर्ट ने EVM-VVPAT को लेकर ऐतिहासिक फैसला दिया है. शीर्ष अदालत ने इसको लेकर दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. वोट वेरिफिकेशन पर भी बड़ा निर्णय दिया गया है.
नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा…
प्रशांत भूषण ने आगे बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को इस बात की पड़ताल करने को कहा कि यदि सभी बैलट पेपर्स पर यदि हम बारकोड लगा दें तो क्या मैकेनिकली मशीन से उसकी गिनती हो सकती है या नहीं. साथ ही शीर्ष अदालत ने कहा है कि सिंबल लोडिंग यूनिट को कम से कम 45 दिन तक सील करके रखा जाए, ताकि कोर्ट में अर्जी दाखिल होने पर या फिर अदालत की मांग पर उसे देखा जा सके. प्रशांत भूषण ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने यह सब कहते हुए सभी याचिकाओं का निस्तारण कर दिया.
क्या है फैसला
ईवीएम-वीवीपैट को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाएं दायर की गई थीं. याचियों का कहना था कि ईवीएम से मतदान करने के बाद वीवीपैट से निकलने वाली स्लिप की गिनती की जाए. इसके आधार पर ही वोटों की गिनती हो और विजेताओं की घोषणा की जाए. ईवीएम में छेड़छाड़ की आशंका भी जताई गई थी. चुनाव आयोग ने अपनी तरफ से इसको लेकर अपना पक्ष रखा था. अब सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर विस्तृत सुनवाई करने के बाद शुक्रवार को सभी याचिकाएं खारिज कर दीं और इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को EVM-VVPAT को लेकर बड़ा फैसला दिया. शीर्ष अदालत ने इसको लेकर दाखिल सभी याचिकाएं खारिज कर दी हैं. साथ ही चुनाव आयोग कई तरह के नए तरीकों पर अमल करने का भी आदेश दिया है. याचिकाकर्ताओं में से एक की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे. दो जजों की पीठ ने यह ऐतिहासिक दिया है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रशांत भूषण ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सभी मांगों को खारिज कर दिया है.
EVM-VVPAT पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद प्रशांत भूषण का पहला रिएक्शन सामने आया है. उन्होंने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट ने हमारी सभी मांगें खारिज कर दी हैं. हमलोगों का कहना था कि ईवीएम में प्रोग्रेमेबल मेमोरी होती है, क्योंकि सिंबल लोडिंग की जाती है. इसमें कोई मैलिशस प्रोग्राम (खराब प्रोग्राम) ऐसे में इनको मैनिपुलेट (छेड़छाड़) किया जा सकता है. और इस वजह से यह जरूरी है कि वीवीपैट के पेपर का पूरा ऑडिट होना चाहिए. सभी वीवीपैट स्लिप को काउंट करना चाहिए. वीवीपैट में भी काला शीशा लगा हुआ है. इस वजह से हमलोग यह कह रहे थे कि या तो पारदर्शी शीशा लगाइए या नहीं तो प्रिंटेड स्लिप को वोटर के हाथ में देकर उसे बै