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भारत को पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का ‘वैध अधिकार’ : पूर्व अमेरिकी एनएसए

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने कहा कि कोई भी दक्षिण एशिया में व्यापक संघर्ष नहीं देखना चाहता, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है

नई दिल्ली

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) जॉन बोल्टन ने कहा कि कोई भी दक्षिण एशिया में व्यापक संघर्ष नहीं देखना चाहता, लेकिन पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है।

आईएएनएस के साथ एक विशेष इंटरव्यू में बोल्टन ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक स्थिर वातावरण में रहने नहीं दिया जा रहा, पर्यटकों को सीमा पार से लगातार आतंकवादी गतिविधि के कारण इस क्षेत्र में आने से रोका जा रहा है।

बोल्टन फरवरी 2019 में पुलवामा हमले के दौरान अमेरिकी एनएसए के रूप में कार्यरत थे। यह हमला पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह ‘जैश-ए-मोहम्मद’ ने किया था जिसमें 40 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे।

बोल्टन ने कहा, “जब मैं राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार था, तो 2019 में हमारा सामना ऐसी ही परिस्थितियों से हुआ, उस वक्त पाकिस्तानी धरती से आतंकवादी हमला हुआ था। हमने वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ गहन परामर्श किया था। तब हमारा नजरिया यह था कि यदि भारत सरकार को विश्वास है कि यह हमला पाकिस्तानी धरती से हुआ है और पाकिस्तानी सरकार इसे रोकने में नाकाम रही या उसने इसमें मदद की, तो नई दिल्ली को आत्मरक्षा में कार्रवाई करने का पूरा अधिकार है। ”

संयुक्त राष्ट्र में पूर्व अमेरिकी राजदूत रहे बोल्टन ने कहा, “मुझे लगता है कि यही सिद्धांत आज भी लागू होता है। मेरे विचार से भारत के हित में यह है कि अगर सैन्य प्रतिक्रिया का फैसला लिया जाता है तो उसे सही साबित करने वाले कारण भी उसके पास होने चाहिए। कोई भी दक्षिण एशिया में व्यापक संघर्ष नहीं देखना चाहता, लेकिन आतंकवादी हमलों का खतरा ऐसी चीज है जिसके साथ किसी को भी नहीं रहना चाहिए। इसीलिए, प्रतिक्रिया और आत्मरक्षा पूरी तरह से स्वीकार्य है।”

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली।

आतंकियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल – पहलगाम स्थित बैसरन घाटी में लोगों (ज्यादातर पर्यटक) पर गोलियां चला दी थीं। हमले में 26 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

चार भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों ने पहलगाम में क्रूर हमला किया था। प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। हमलावरों में से दो के पाकिस्तानी नागरिक होने की पुष्टि हुई है।

 

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