भारत पर लगा दिया बहुत ज्यादा टैरिफ, जीडीपी को होगा 2.50 लाख करोड़ का नुकसान, गिर जाएगी विकास दर

Tariff Effect on GDP : अमेरिका की ओर से भारत पर लगाए 26 फीसदी टैरिफ को एक्सपर्ट ने काफी ज्यादा बताया है. उनका कहना है कि इससे भारत की जीडीपी को करीब 2.5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान होगा, जबकि विकास दर भी सुस्त पड़ जाएगी.
- अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ लगाया.
- भारत की जीडीपी को 2.5 लाख करोड़ का नुकसान होगा.
- विकास दर पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
नई दिल्ली.
दोस्त ने ऐसा दगा दिया है कि जिसका दाग पूरी अर्थव्यवस्था पर दिखेगा. विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ का असर उम्मीद से ज्यादा बुरा होने वाला है. अमेरिका की ओर से सभी भारतीय उत्पादों पर 26 फीसदी का टैरिफ लगाना बहुत ही नकारात्मक हो सकता है. ऐसा लगता है कि अमेरिका ने बिना ज्यादा रिसर्च किए ही यह फैसला ले लिया है, क्योंकि इससे न सिर्फ भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार सुस्त पड़ जाएगी, बल्कि लाखों करोड़ रुपये का नुकसान भी होगा.
ग्लोबल ब्रोकिंग फर्म मैक्वेरी का कहना है कि भारतीय उत्पादों पर 20 फीसदी से अधिक का एकसमान शुल्क भारत के जीडीपी पर 50 बेसिस पॉइंट्स से अधिक का प्रभाव डाल सकता है. भारत वर्तमान में अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय समझौते पर बातचीत कर रहा है. इससे पहले ही अमेरिका ने भारत पर 26 फीसदी का शुल्क लगा दिया है. वह भी सभी प्रोडक्ट पर एकसमान शुल्क लगाया है, जबकि भारत 0.3 फीसदी अमेरिकी प्रोडक्ट पर ही 50 फीसदी या उससे ज्यादा का शुल्क लगाता है.
भारत पर कितना असर
26 फीसदी शुल्क का भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर 30 अरब डॉलर (करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये) का संभावित प्रभाव हो सकता है. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, जो साल 2025 के अंत तक 4.3 ट्रिलियन डॉलर जीडीपी का लगभग 0.7 फीसदी होगा. जाहिर है कि ट्रंप के इस कदम से भारत को बड़ा नुकसान होने वाला है और उसके व्यापार पर भी इसका बखूबी असर पड़ेगा.
अनुमान से ज्यादा लगाया टैरिफ
मार्सेलस इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के ग्लोबल इक्विटीज के प्रमुख अरिंदम मंडल का कहना है कि भारत पर
घोषित टैरिफ उम्मीद से अधिक कठोर हैं. अनुमान था कि यह 15 से 20 फीसदी के बीच रह सकता है, लेकिन 26 फीसदी का टैरिफ लगाना काफी ज्यादा दिख रहा है. यह संभवतः एक सदी में सबसे अधिक, जो पहले के 2.5-5 फीसदी के स्तरों से काफी ज्यादा है. हालांकि, अमेरिका ने तांबा, फार्मा, सेमीकंडक्टर और लकड़ी के सामानों को इस टैरिफ से दूर रखा है.