साइबर क्राइम का जामताड़ा मॉडल, बिना OTP के ही आपका अकाउंट खाली, बड़े गिरोह का भंडाफोड़

साइबर क्राइम का जामताड़ा मॉडल के बारे में आज कोई अनजान नहीं है. लेकिन, बदले दौर में पुलिस की दबिश बड़ी तो अपराधियों ने अपने ठिकाने बदल लिये थे. मगर एक बार फिर जामताड़ा में साइबर अपराधियों के एक बड़े गिरोह को पकड़ा गया है. इसके मास्टरमाइंड को भी धर दबोचने का दावा जामताड़ा पुलिस कर रही है.
- संगठित तरीके से देशभर में साइबर अपराध करने वाले अत्याधुनिक आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश.
- मास्टरमाइंड साहित छह आरोपी गिरफ्तार, एसपी डॉ एहतेशाम ने साइबर अपराध का खुलासा किया.
जामताड़ा
झारखंड की जामताड़ा पुलिस ने संगठित तरीके से देशभर में साइबर अपराध करने वाले एक अत्याधुनिक आपराधिक गिरोह का पर्दाफाश किया है. एक महीने से अधिक समय तक कड़ी निगरानी करने के बाद पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित कुल 6 शातिर साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से 14 मोबाइल, 23 सिम कार्ड, एक ड्रोन कैमरा, एक डीएसएलआर कैमरा, दो चार पहिया वाहन, 10 एटीएम समेत 01 लाख 08 हजार रुपए नगद बरामद किया है. पुलिस के अनुसार, पकड़े गए साइबर अपराधियों ने देश भर में 415 से अधिक साइबर अपराध को अंजाम दिया है. जिसमें 11 करोड़ की राशि की ठगी की गई है. पकड़े गए साइबर अपराधियों के जब्त मोबाइल से करीब 2700 पीड़ितों का पता चला है.
पुलिस के अनुसार साइबर अपराधियों के द्वारा बनाई गई वेबसाइट से व्हाट्सएप ओटीपी, फोनपे लॉगिन ओटीपी, बैंकिंग लेनदेन आदि के करीब ढाई लाख मैसेज मिले हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए झारखंड सीआईडी तकनीकी सहायता टीम ने गृह मंत्रालय और भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र से सहयोग मांगा है, ताकि इस मामले में और आगे कार्रवाई की जा सके. पुलिस के अनुसार पकड़े गए साइबर अपराधी गिरिडीह, जामताड़ा, सारठ, धनबाद और देवघर में सक्रिय थे. एसपी डॉ एहतेशाम वकारीब ने इस गिरफ्तारी को पुलिस की बड़ी सफलता बताया है.
जामताड़ा एसपी डॉ एहतेशाम ने किया पूरा खुलासा
जामताड़ा एसपी ने बताया कि ये गिरोह पीएम किसान, पीएम फसल बीमा और एसबीआई, पीएनबी, एक्सिस, NPCI इंटरनेशनल जैसे विभिन्न भारतीय बैंकों के नाम से फर्जी मोबाइल APK (एप्लीकेशन) बनाते थे. फिर इन एपीके को व्हाट्सएप के माध्यम से आम लोगों को भेजा जाता था, जो इसे अपने फोन पर डाउनलोड कर लेते थे. इसके बाद उनका फोन हैक हो जाते थे और फिर वे बिना ओटीपी के ही खाते से पूरा पैसा निकाल लेते थे. साथ ही इनके द्वारा APK को अन्य साइबर अपराधियों को 20-25 हजार रुपये प्रति APK के हिसाब से बेचा जाता है.
साइबर अपराधी एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विशेषज्ञ
इन मोबाइल APK में उपयोगकर्ता के फोन को हैक करने और एसएमएस/कॉल फॉरवर्डिंग का उपयोग करके बैंक खाता विवरणी, ओटीपी, जन्म तिथि चुराने की क्षमता थी, जिसका उपयोग भोले-भाले पीड़ितों के बैंक खाते में अनधिकृत लेनदेन करने के लिए किया जाता था. इनके पास नेशनलाइज्ड बैंक के साथ-साथ पीएम किसान योजना फसल बीमा योजना के लाभुकों के डिटेल्स भी मिले हैं. गिरफ्तार किए गए साइबर अपराधी एंड्रॉइड सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के विशेषज्ञ हैं और मैलवेयर डेवलपमेंट के लिए चैटजीपीटी का इस्तेमाल करते पाए गए. ये शातिर ठग आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते है.
साइबर अपराधियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया
एसपी ने बताया कि पकड़े गए साइबर अपराधियों में अजय मंडल, शेख बलाल और मोहम्मद महबूब डीके बोस के नाम से एक छद्म प्रोफाइल बनाए गया था. उन्होंने ने बताया कि गिरोह द्वारा पीएम किसान योजना फसल बीमा योजना यहां तक की विभिन्न बैंक का भी सारी डिटेल्स भी चोरी कर लिया करते थे. इनके पास पंजाब नेशनल बैंक के लगभग 2000 और केनरा बैंक के लगभग 500 खाताधारकों का डेटा पाया गया. उन्होंने बताया कि उनके गिरोह के अन्य सदस्यों को भी पता चला है जिसकी तलाश जारी है. गिरफ्तार अपराधियों का नाम मोहम्मद महबूब आलम, सफाउद्दीन अंसारी, आरिफ अंसारी, जैस्मिन अंसारी, शेख बलाल और अजय मंडल है.सभी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है.