‘अदाणी के एफपीआई समूह को बंदरगाह-हवाईअड्डे खरीदने की मंजूरी कैसे मिली’,: महुआ मोइत्रा

टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा ने ट्वीट कर भाजपा के खिलाफ निशाना साधा है। मोइत्रा का कहना है कि भाजपा ने उनके खिलाफ पैसों के बदले प्रश्नों का आरोप लगाया था, जो अब विफल हो गया क्योंकि उनके पास कोई सबूत नहीं है।
नई दिल्ली
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा इन दिनों सुर्खियों में हैं। भाजपा लगातार टीएमसी और मोइत्रा पर हमलावर है। इस बीच शनिवार को टीएमसी नेता मोइत्रा ने ट्वीट कर भाजपा के खिलाफ निशाना साधा है। मोइत्रा का कहना है कि भाजपा ने उनके खिलाफ पैसों के बदले प्रश्नों का आरोप लगाया था, जो अब विफल हो गया क्योंकि उनके पास कोई सबूत नहीं है। टीएमसी नेता ने आगे सवाल किया कि अदाणी के एफपीआई को बंदरगाह और हवाईअड्डा खरीदने की मंजूरी कैसे मिल गई। यह राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है।
इससे पहले भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर कहा था कि संसदीय पोर्टल लॉगिन की जानकारियों को किसी के साथ भी साझा करना नियमों का उल्लंघन है। पोर्टल का प्रबंधन करने वाली सरकारी संस्था (एनआईसी) के साथ समझौता, एक खतरा है।
यह है मामला
बता दें कि यह पूरा विवाद तब खड़ा हुआ जब बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने स्पीकर को पत्र लिखकर टीएमसी सांसद के खिलाफ ‘कैश फॉर क्वेरी’ सबूत देने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया था कि ये सबूत वकील जय अनंत देहाद्राई द्वारा प्रदान किए गए थे। अब इस मामले में संसद की आचार समिति ने दुबे और अधिवक्ता देहाद्राई दोनों को 26 अक्टूबर को आरोपों के मौखिक साक्ष्य प्रस्तुत करने के लिए बुलाया है।