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‘कोई भी मुल्क दो कानूनों पर नहीं चल सकता’, UCC की वकालत कर बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) की वकालत करते हुए कहा कि एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते….

नेशनल डेस्क

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता (UCC) की वकालत करते हुए कहा कि एक ही परिवार के अलग-अलग सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम नहीं हो सकते और कोई भी देश दो कानूनों के आधार पर नहीं चल सकता। पीएम मोदी ने देशभर में भाजपा के करीब दस लाख बूथ कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन संबोधित करते हुए कहा कि यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने भी समान नागरिक संहिता की वकालत की है लेकिन वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग इसका विरोध कर रहे हैं।

मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान भी देश के लोगों के लिए समान अधिकारों की बात करता है। उन्होंने यह भी कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण पसमांदा (सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े मुसलमान) मुसलमानों के साथ बराबरी का व्यवहार नहीं भी नहीं किया जाता है हालांकि सरकार ने बिना किसी भेदभाव के वंचितों (पसमांदा मुस्लिमों सहित) के लिए काम किया है।

मोदी ने कहा कि भाजपा को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाने में मध्य प्रदेश की बड़ी भूमिका रही है। उन्होंने कहा, ‘‘हम वातानुकूलित दफ्तरों में बैठकर आदेश जारी नहीं करते, हम प्रतिकूल मौसम में जनता के बीच जाते हैं।” भाजपा का मानना है कि वह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले मुसलमानों में अपनी पैठ बनाने की स्थिति में है। पिछले साल उत्तर प्रदेश में आजमगढ़ और रामपुर की मुस्लिम बहुल सीटों पर लोकसभा उप चुनावों में जीत से पार्टी का हौसला बढ़ा है।

मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार, दक्षिण भारत, खासकर केरल, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु और कई अन्य राज्यों में तुष्टीकरण की नीति के कारण कई जातियां विकास से पीछे रह गईं। समान नागरिक संहिता के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय मुसलमानों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उन्हें भड़काकर उनका फायदा लेने के लिए उनको बर्बाद कर रहे हैं।

मोदी ने कहा, ‘‘ हम देख रहे हैं समान नागरिक संहिता के नाम पर लोगों को भड़काने का काम हो रहा है। एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे के लिए दूसरा, तो क्या वह परिवार चल पाएगा। फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा? हमें याद रखना है कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है।”

मोदी ने यह भी कहा कि तीन तलाक का समर्थन करने वाले वोट बैंक के ‘भूखे’ लोग मुस्लिम बेटियों के साथ घोर अन्याय कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तीन तलाक से नुकसान सिर्फ बेटियों का नहीं होता, इसका दायरा बड़ा होता है उनके परिवार का भी नुकसान होता है। मिस्र में 80-90 साल पहले तीन तलाक खत्म कर दिया गया था। दुनिया के अनेक मुस्लिम बहुल देशों ने तीन तलाक बंद कर दिया है।”

मोदी ने कहा, ‘‘तीन तलाक इस्लाम का जरुरी अंग है तो यह पाकिस्तान, कतर, जॉर्डन, इंडोनेशिया जैसे देशों में क्यों नहीं है। वहां क्यों बंद कर दिया गया। मैं समझता हूं कि मुसलमान बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटका कर उन पर अत्याचार की खुली छूट चाहते हैं। ये इसलिए उसका समर्थन करते हैं। मैं जहां जाता हूं मुस्लिम बहनें भाजपा और मोदी के साथ खड़ी रहती हैं।” उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के मुसलमान भाई-बहनों को यह समझना होगा कि कौन से राजनीतिक दल उनको भड़काने का काम कर रहे हैं।” प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत को विकसित देश बनाने के लिए गांवों का विकास जरूरी है।

विधि आयोग ने मांगे सुझाव
समान नागरिक संहिता का अर्थ है देश के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून होना, जो धर्म पर आधारित न हो। UCC में पर्सनल लॉ या विरसे के क़ानून, गोद लेने और उत्तराधिकार से जुड़े क़ानूनों को एक समान संहिता से संचालित किए जाने की संभावना है। उत्तराखंड जैसे राज्य अपना समान कोड तैयार करने की प्रक्रिया में हैं। विधि आयोग ने भी इसी माह की शुरुआत में राजनीतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर सार्वजनिक और मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों सहित हितधारकों से विचार मांगकर UCC पर नई परामर्श प्रक्रिया शुरू की है।

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