गुजरात

Gujarat Election:‘कांग्रेस के बदले AAP में विपक्ष की उम्मीद देख रहे हैं,गुजरात के वोटर्स

Gujarat Assembly Election 2022: ‘कांग्रेस के बदले AAP में विपक्ष की उम्मीद देख रहे हैं’, गुजरात चुनाव में बीजेपी के खतरे पर और क्या बोले वोटर्स

Fight In BJP, Congress and AAP: सौराष्ट्र के शहरी और कच्छ क्षेत्रों में भी कांग्रेस के समर्थक पार्टी में उम्मीद खो रहे हैं। वे कहते हैं कि भरोसेमंद नहीं हैं। आम आदमी पार्टी के “कार्यों” के बारे में सुना है, कुछ उम्मीद दिखती है।

अहमदाबाद

“गुजरात में सत्ता विरोधी लहर नहीं है, यह किसने कहा?” इस सवाल पर अश्विन सोलंकी इस लोकप्रिय धारणा को चुनौती देते हुए दिखते हैं कि गुजरात विधानसभा चुनाव (Gujarat Assembly Election) में कोई “लहर नहीं” है। साथ ही लगातार 27 वर्षों तक सत्ता में रहने के बावजूद मौजूदा भाजपा को किसी बड़ी बाधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। इसके बाद आता है ट्विस्ट। वे कहते हैं, ”भाजपा सत्ता में वापसी कर रही है, इसमें कोई संदेह नहीं है।” एक निजी इंजीनियरिंग फर्म के साथ काम करने वाले भावनगर निवासी अश्विन कुछ देर बाद कहते हैं, “इसके बजाय, कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर (Anti-Incumbency) का सामना करना पड़ रहा है। यह अविश्वसनीय (Discredited) है, आम आदमी पार्टी के लिए विपक्ष में जगह (Space In Opposition) बना रही है।”

कमजोर हो चुकी कांग्रेस (Congress) अपने बुनियादी समर्थन आधार (Core Support Base) को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है, जो लगभग तीन दशकों तक सत्ता की पहुंच से बाहर रहने के बावजूद पार्टी के साथ खड़ा था, जिसको नई-नई आई आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) से खतरा मिल रहा है। यह गुजरात 2022 की कहानी भी हो सकती है। और वहीं का एक हिस्सा, उसी मतदाता द्वारा एक “चकाचक विपक्ष” या एक प्रभावी विपक्ष के लिए उत्सुक है, जो चाहता है कि भाजपा सत्ता में बनी रहे। मोरबी (Morbi) शहर के एक व्यापारी गोपालभाई सोनी कहते हैं, “क्या है कि विपक्ष मजबूत होगा तो सत्ता पक्ष भी तंग रहेगा।”

अहमदाबाद (Ahmedabad) में ऑटो चालक सुरेश बहुपिया जैसे कई लोगों को लगता है कि आम आदमी पार्टी लक्ष्य के साथ समर्पित भाव के साथ लड़ाई में फिट बैठती है। कोली समुदाय (Koli Community) से आने वाले बहुपिया पूछते हैं, “हमने पिछली बार कांग्रेस का समर्थन किया था, लेकिन क्या आपने देखा है कि कैसे उसके विधायकों ने पिछले पांच सालों में खुद को बिक्री के लिए पेश किया? हमें फिर से उनका समर्थन क्यों करना चाहिए?” राज्य की सभी ओबीसी जातियों में कोली समुदाय का 40 फीसद हिस्सा है।

आप के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार इसुदन गढ़वी (Isudan Gadhvi) भी ओबीसी हैं। 2017 में पार्टी ने 29 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, जिनमें से सभी की जमानत जब्त हो गई थी। 2014 के आम चुनावों में गुजरात में उसके 24 उम्मीदवारों का भी कुछ ऐसा ही हश्र हुआ था।

कच्छ का एक कांग्रेसी का कहना है कि नए खिलाड़ी को अवसर दें

कच्छ के मांडवी तालुका के बड़ा गांव में निवासी चरवाहा मोहम्मद इब्राहिम अधिक स्पष्ट रूप से बताते है। वे कहते हैं, “कांग्रेस को हमारा वोट नहीं मिलेगा। मुझे कांग्रेस से नफरत होने लगी है। हम इंदिरा गांधी के समय से पार्टी का समर्थन करते आ रहे हैं, लेकिन यह हमारी वफादारी का अपमान करता है। यह एक नए खिलाड़ी को मौका देने का समय है।”

इस बीच, कांग्रेस को विश्वास है कि गुजरात की राजनीति में तीसरे खिलाड़ी के लिए “कोई जगह नहीं” है। पार्टी के नेताओं ने केशुभाई पटेल और शंकरसिंह वाघेला के उदाहरणों का हवाला दिया, जिन्होंने अपनी खुद की पार्टियां बनाई थीं, लेकिन वे कोई असर दिखाने में नाकाम रहे।

भुज में कांग्रेस के एससी सेल के प्रभारी वलजी माहेश्वरी भी पार्टी के आरोपों का बचाव करते हैं कि उसके विधायक पैसे के लिए बीजेपी में शामिल हो गए हैं। माहेश्वरी तर्क देते हैं, “जो लोग छोड़ते हैं, वे अवसरवादी होते हैं। सभी बच्चे अपने माता-पिता के प्रति वफादार नहीं होते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि लोग बच्चे पैदा करना बंद कर देते हैं।”

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