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तालिबान को लेकर लोकतांत्रिक देशों के रवैये पर भड़के जावेद अख्तर, कहा- ‘मान्यता ना दें, यह शर्म की बात है’

,मुंबई

मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने तालिबान को लेकर विश्व नेताओं और देशों के रवैये पर नाराजगी जताई है। जावेद अख्तर ने कहा कि यह शर्म की बात है कि कथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने को तैयार हैं। उन्होंने सभी देशों से यह गुहार लगाई कि वे तालिबान को मान्यता ना दें। जावेद अख्तर ने ये बातें ट्वीट के जरिए कही हैं।

तालिबान से हाथ मिलाने पर भड़के

जावेद अख्तर ट्वीट करते हैं कि ‘प्रत्येक उदार व्यक्ति, प्रत्येक लोकतांत्रिक सरकार, दुनिया के हर सभ्य समाज को महिलाओं के क्रूर दमन के लिए तालिबानियों को मान्यता देने से मना कर देना चाहिए और निंदा करनी चाहिए या फिर न्याय, मानवता और विवेक जैसे शब्दों को भूल जाना चाहिए।‘

 

 

महिलाओं को लेकर किया ट्वीट

अपने अगले ट्वीट में जावेद अख्तर ने तालिबान प्रवक्ता के उस बयान की आलोचना की जिसमें उन्होंने कहा था कि महिलाएं बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं मंत्री बनने के लिए लिए नहीं। जावेद अख्तर लिखते हैं कि ‘तालिबान के प्रवक्ता ने दुनिया को बताया कि महिलाएं मंत्री बनने के लिए नहीं होतीं बल्कि घर पर रहने और बच्चे पैदा करने के लिए होती हैं, लेकिन दुनिया के कथित सभ्य और लोकतांत्रिक देश तालिबान से हाथ मिलाने के लिए तैयार हैं, यह शर्म की बात है।‘

 

बयान पर मचा था बवाल

इससे पहले एनडीटीवी से बात करते हुए जावेद अख्तर ने कहा था कि ‘दुनियाभर में दक्षिणपंथी एक जैसी चीजें चाहते हैं।‘ उन्होंने कहा, ‘जैसे तालिबान एक इस्लामिक देश चाहता है वैसे ही ये लोग हैं जो हिंदू राष्ट्र चाहते हैं। ये लोग एक ही मानसिकता के हैं।‘ आगे वह कहते हैं, ‘बेशक तालिबान बर्बर है और उनकी हरकतें निंदनीय हैं लेकिन जो लोग आरएसएस, विहिप और बजरंग दल का समर्थन कर रहे हैं वे सभी एक जैसे हैं।‘

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