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नौ साल बाद भी नहीं थमी नोटबंदी पर रार, TMC सांसद ने कहा- देश के साथ धोखा; PM पर भी साधा निशाना

नोटबंदी के नौ साल पूरे हो चुके हैं। नए पांच सौ और दो हजार के नोट भी जारी हुए नौ साल हो चुके हैं। पांच सौ की नोट तो बाजार में देखने को मिल जाती हैं, लेकिन दो हजार के नोट तो आकर चले भी गए। इन नौ वर्षों में इतना कुछ बदल गया। इन सबके बावजूद राजनीतिक रार अब भी जारी है। आइए जानते हैं टीएमसी सांसद ने इस फैसले पर सरकार को कैसे घेरा है।

 

नई दिल्ली

 

नोटबंदी के नौ साल पूरे हो चुके हैं। आज से ही देश में पुराने पांच सौ और हजार के नोट बंद हो गए थे। इनके बदले नए पांच सौ के नोट और दो हजार के नोट शुरू किए गए थे। नए पांच सौ के नोट तो आप सब देखते होंगे, लेकिन दो हजार के नोट अब नहीं दिखते है। नौ साल में इतना कुछ बदल गया। लेकिन सिर्फ एक चीज नहीं बदली। नोटबंदी पर राजनीतिक रार। ये तब भी जारी थी। ये अब भी जारी है। इसी रार के क्रम में टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने पीएम मोदी को एक बार फिर घेरा।

 

टीएमसी सांसद ने एक्स पर एक पोस्ट किया। उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि 2016 की नोटबंदी भारतीयों पर किया गया सबसे बड़ा धोखा है। वहीं, शेयर किये गये वीडियो में पहले पीएम मोदी का भाषण शुरु होता है। फिर ओब्रायन बोलते हैं। इस भाषण में पीएम मोदी जनता से कहते हैं कि मुझे 50 दिन का समय दीजिए। ताकि नोटबंदी के प्रभाव का आकलन किया जा सके। इसके बाद किसी को कोई समस्या नहीं आएगी।

पीएम ने जनता से मांगे थे 50 दिन
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के संसद के बाहर दिए बयान और संसद के अंदर विपक्ष की प्रतिक्रिया को साथ दिखाते हुए कहा कि पीएम मोदी बाहर, और हम अंदर। ये दो अलग तस्वीरें। उनके साझा किए गए वीडियो में मोदी का वह भाषण दिखाया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 30 दिसंबर के बाद उनके काम में कोई कमी या गलती पाई जाती है, तो वे देश द्वारा दी जाने वाली सजा के लिए तैयार रहेंगे।

इसीलिए लोगों को जल्दी राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बड़ी वैल्यू वाला नया दो हजार रुपये का नोट जारी किया था, जिससे बाजार में नोटो का संचालन बढ़े. हालांकि इसके बावजूद महीनों तक लोगों को नोटों के लिए बैंकों और एटीएम के बाहर घंटों तक लंबी-लंबी कतार में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ा। लोगों की परेशानी को देखते हुए ही पीएम मोदी ने ये संबोधन दिया था और लोगों से 50 दिन मांगे थे।

 

ममता बनर्जी का हवाला
टीएमसी सांसद ने अपने पुराने राज्यसभा भाषण का एक हिस्सा भी शेयर किया, जिसमें उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के विचारों को उद्धृत किया था। उन्होंने कहा कि मैं काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हूं, लेकिन मुझे आम लोगों और छोटे व्यापारियों की चिंता है। वे कल जरूरत की चीजें कैसे खरीदेंगे? यह एक वित्तीय अराजकता है, जो आम जनता पर थोप दी गई है। ओब्रायन ने कहा कि नोटबंदी का फैसला गरीबों, किसानों और छोटे कारोबारियों को तबाह कर देने वाला साबित हुआ।

मामले पर राजनीतिक प्रतिक्रिया
टीएमसी के साथ-साथ कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दल आज भी नोटबंदी को आर्थिक आपदा बताते हैं। विपक्ष का कहना है कि इस कदम ने लाखों छोटे व्यापारियों और मजदूरों की रोजी-रोटी पर असर डाला। वहीं भाजपा का कहना है कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था पारदर्शी बनी और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिला।

नोटबंदी का फैसला 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर 2016 की रात को नोटबंदी का एलान किया था। इसके तहत 500 और 1000 रुपये के नोटों को तत्काल प्रभाव से अवैध घोषित कर दिया गया। उस समय ये नोट देश की कुल मुद्रा का करीब 86 प्रतिशत हिस्सा थे। सरकार ने दावा किया था कि इससे काले धन, आतंक फंडिंग और नकली नोटों पर रोक लगेगी। लेकिन विपक्षी दलों और कई अर्थशास्त्रियों ने इसे आर्थिक अव्यवस्था बताकर इसकी आलोचना की थी। वहीं, सरकार शुरू से दावा कर रही है कि नोटबंदी का मकसद काला धन, आतंक फंडिंग और नकली करेंसी पर लगाम लगाना था।

 

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