वोट चोरी के राहुल गांधी के सबूतों का हाइड्रोजन बम !

बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकालने के बाद 1 सितम्बर को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ऐलान कर दिया था कि वे अब हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे
बिहार में वोटर अधिकार यात्रा निकालने के बाद 1 सितम्बर को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ऐलान कर दिया था कि वे अब हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। तब भाजपा ने उनका आदतन या रणनीति के तहत मजाक उड़ाया था कि राहुल कांग्रेस को चुनाव नहीं जिता सकते तो वोट चोरी का बहाना बनाते हैं। भाजपा ने हाइड्रोजन बम को सीधे अहिंसा से भी जोड़ा था, मानो गांधीजी के विचारों पर भाजपा से बेहतर कोई और नहीं चलता। भाजपा राहुल गांधी को हतोत्साहित करने की पूरी कोशिश करती रही और सितम्बर के बाद अक्टूबर भी बीत गया तो पार्टी काफी हद तक निश्चिंत हो गई थी कि अब राहुल का हाइड्रोजन बम नहीं फूटने वाला। लेकिन भाजपा को शायद यह अनुमान नहीं था कि बिहार विधानसभा चुनावों में पहले दौर के मतदान से ठीक एक दिन पहले फिर नए सबूतों के साथ देश को बताएंगे कि कैसे चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर लाखों वोटों की हेरा-फेरी की है।
5 नवंबर बुधवार की सुबह खबर आई कि 12 बजे राहुल गांधी कांग्रेस मुख्यालय में प्रेस कांफ्रेंस करने वाले हैं, इसी के साथ तस्वीरें आईं जिनमें सामान ढोने वाली ट्रॉली में कागजात के ऊंचे-ऊंचे बंडल लाए जा रहे थे। तभी समझ आ गया था कि राहुल गांधी ने जिस हाइड्रोजन बम की चेतावनी सितम्बर में दी थी, अब उसका धमाका होने वाला है। और वाकई ऐसा धमाका हुआ है कि चुनाव आयोग और भाजपा पूरी तरह हिल चुके हैं। राहुल की प्रेस कांफ्रेंस के फौरन बाद ही मोदी सरकार में मंत्री किरण रिजीजू ने प्रेस कांफ्रेंस की और कहा कि बिहार में कांग्रेस का कुछ होने वाला नहीं है, इसलिए हरियाणा का जिक्र कर ध्यान भटकाया जा रहा है। वहीं हरियाणा के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बुधवार को राहुल की प्रेस कांफ्रेंस के फौरन बाद चुनाव के विभिन्न चरणों की पारदर्शिता और क्रियान्वयन के बारे में लंबी-चौड़ी सफाई सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इससे पता चलता है कि अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करने की तैयारी पहले ही राज्य चुनाव आयोग ने कर ली थी। हालांकि राहुल गांधी ने बड़े आरोप मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगे हैं। उनकी तरफ से इन पंक्तियों के लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं आया है।
ज्ञात हो कि हरियाणा चुनाव में मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी ने कहा था कि हमारी जीत तय है और सारी व्यवस्था हो गई है। इस व्यवस्था शब्द को पकड़ कर राहुल गांधी ने बताया कि भाजपा की चुनावी रणनीति में इसका असली मतलब क्या है। किस तरह चुनाव आयोग को जरिया बनाकर भाजपा धांधली करवा रही है। लेकिन किरण रिजीजू का कहना है कि व्यवस्था का मतलब हमारे समर्पित कार्यकर्ताओं की पूरी तैयारी है, जो चुनाव जिताने में मेहनत करते हैं। हालांकि इस वार-पलटवार से उन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे, जो राहुल गांधी ने उठाए हैं। जैसे मतदाता सूची में राहुल गांधी ने एक ब्राजीलियन मॉडल का चेहरा दिखाया, जिसका नाम 22 जगहों पर मतदाता के तौर पर दर्ज था। एक प्रेस कांफ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा था कि मकान नंबर शून्य उन्हें दिया जाता है, जो दुर्भाग्यशाली लोग बेघर होते हैं। जो लैंपपोस्ट के नीचे या फुटपाथ पर रहते हैं। लेकिन हरियाणा की मतदाता सूची में मकान नंबर शून्य वाले कई मतदाताओं के पास बड़े घर का मालिकाना हक राहुल गांधी ने दिखा दिया। राहुल गांधी ने बताया कि कुछ भाजपा नेता और उनके रिश्तेदार जो उत्तरप्रदेश में वोट डालते हैं, उनका नाम भी हरियाणा की वोटर लिस्ट में था। कई वोटर आईडी में फोटो एकदम धुंधली है और उस धुंधले चेहरे को कई बूथों पर वोटर के तौर पर राहुल गांधी ने दिखा दिया। ऐसी गलतियां दो-चार होती तब भी इन पर संदेह नहीं होता। हालांकि कम्प्यूटर और एआई की मदद से जब वोटर लिस्ट बनाई जा रही हो, तब ऐसी गलतियां शून्य होना चाहिए। लेकिन हरियाणा में दस-बीस नहीं कम से कम 25 लाख मतदाताओं की चोरी की गई है। राहुल गांधी की प्रेस कांफ्रेंस में कुछ लोगों की आपबीती भी सुनाई गई, जिनके नाम लोकसभा चुनावों के वक्त दर्ज थे और जिन्होंने वोट भी दिए थे। लेकिन विधानसभा में उनके नाम काट दिए गए।
संविधान के तहत वयस्क मताधिकार का जो अनूठा उपहार भारतीय नागरिकों को मिला है, वह बेशकीमती है। लेकिन दुख की बात है कि भाजपा के शासन में इस अनमोल तोहफे को चालाकी से छीना जा रहा है। इसलिए बुधवार को राहुल गांधी को सीधा आह्वान करना पड़ा कि जेन ज़ी यानी नयी पीढ़ी के लोग अहिंसक तरीके से इस चोरी को रोकने और लोकतंत्र को बचाने के लिए आगे आएं। खुद राहुल गांधी ने भी नागरिक होने के नाते अपनी जिम्मेदारी बताई है। वहीं सुप्रीम कोर्ट और मीडिया के पाले में भी राहुल ने गेंद डाल दी है कि ये खुद से इस वोट चोरी को रोकने के लिए आगे आते हैं या नहीं। गौरतलब है कि इस समय एसआईआर का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल ही रहा है। बिहार चुनाव शुरु होने से पहले ही इसे रोकने की याचिकाएं दर्ज करा दी गई थीं, इन पर कई बार अदालत बैठ चुकी है, लेकिन पहले चरण की वोटिंग से पहले भी कोई नतीजा सामने नहीं आया है। उधर देश भर में अब एसआईआर की कवायद शुरु हो गई है। जबकि तमिलनाडु, प.बंगाल और महाराष्ट्र में इसका विरोध हो रहा है।
ज्ञानेश कुमार मतदाता सूची शुद्धिकरण की बात करते हैं। लेकिन अब उन्हें बताना चाहिए कि 2 करोड़ मतदाताओं वाले हरियाणा में 25 लाख फर्जी मतदाताओं के सबूत राहुल गांधी दे चुके हैं और ये संख्या बढ़ सकती है, ऐसे में उनका क्या जवाब है। क्या हर बार की तरह राहुल गांधी के इस दावे पर भी फेक का ठप्पा चुनाव आयोग लगा देगा।
याद रहे कि अगस्त में राहुल गांधी ने कर्नाटक की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर हेरफेर के सबूत दिए थे। जिसमें एक ही मकान पर कई लोगों का पता दर्ज होने, फर्जी पते या नाम या उम्र या लिंग के साथ मतदाता के तौर पर दर्ज होने, एक ही व्यक्ति के पास एक से अधिक जगहों के मतदाता पहचान पत्र (वोटर आईडी) होने के सबूत आए थे और फिर सितम्बर में अलंद सीट पर ऐसे ही सबूत पेश किए थे। लेकिन हर बार राहुल के दावों को खारिज किया गया। क्या इस रवैये के साथ लोकतंत्र बचा रहेगा, यह बड़ा सवाल है।




