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आखिरकार चल गया ट्रंप का दांव! रूस से तेल खरीदना चीन ने कर दिया बंद, क्या भारत भी छोड़ देगा दोस्त का साथ Written by: Pramod Kumar Tiwari

रूस की दो बड़ी तेल कंपनियों पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा दिया है. इसके बाद भारत और चीन जैसे देशों ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है और नए विकल्पों की तलाश शुरू कर दी है.
नई दिल्ली.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का दांव आखिरकार काम कर ही गया. पहले तो उन्होंने सीधे तौर पर चीन और भारत को रूस से तेल न खरीदने की धमकी दी और जब इससे कम नहीं बना तो रूस की 2 सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया. अब मजबूरी में दोनों को ही रूस से तेल खरीदने की डील को लेकर अपने हाथ पीछे खींचने पड़ रहे हैं. चीन ने तो साफ तौर से रूसी तेल खरीदने से इनकार कर दिया है.
सूत्रों का कहना है कि चीन की सभी बड़ी रिफाइनरी कंपनियों ने रूस से तत्काल प्रभाव से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का फैसला किया है. अमेरिका ने रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी रोजनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह दोनों कंपनियां चीन को बड़ी मात्रा में क्रूड की सप्लाई करती हैं. अब चीन की तेल कंपनियों ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद तेल की खरीदारी तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है.
भारत का क्या है रुख
चीन की कंपनियों ने रूस से क्रूड खरीदना बंद करने का फैसला भारतीय रिफाइनरियों के फैसले के बाद ही लिया है. सूत्रों का कहना है कि भारत की भी कई सरकारी और प्राइवेट रिफाइनरियों ने रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने का फैसला कर लिया है. इस फैसले से रूस को तेल कारोबार से होने वाली कमाई में बड़े नुकसान की आशंका है. साथ ही ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ने की आशंका बढ़ती जा रही है.
चीन की कंपनियों ने रूस से क्रूड खरीदना बंद करने का फैसला भारतीय रिफाइनरियों के फैसले के बाद ही लिया है. सूत्रों का कहना है कि भारत की भी कई सरकारी और प्राइवेट रिफाइनरियों ने रूस से कच्चे तेल की खरीद बंद करने का फैसला कर लिया है. इस फैसले से रूस को तेल कारोबार से होने वाली कमाई में बड़े नुकसान की आशंका है. साथ ही ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें भी बढ़ने की आशंका बढ़ती जा रही है.
कितना तेल खरीदता है चीन
चीन की सरकारी कंपनियों PetroChina, Sinopec, CNOOC और Zhenhua Oil ने रूस के समुद्री तेल की खरीद बंद कर दी है. हालांकि, यह फैसला कुछ ही समय के लिए किया गया है, ताकि अमेरिका के प्रतिबंधों से बचा जा सके. चीन फिलहाल 14 लाख बैरल तेल रोजाना रूस से खरीदता है, लेकिन अब यह खरीद अचानक बंद करना पड़ेगा. चीन में सरकारी कंपनियों के अलावा कई प्राइवेट कंपनियां भी रूसी तेल खरीदती हैं. इन सभी के कारोबार पर अब असर पड़ेगा.
चीन की सरकारी कंपनियों PetroChina, Sinopec, CNOOC और Zhenhua Oil ने रूस के समुद्री तेल की खरीद बंद कर दी है. हालांकि, यह फैसला कुछ ही समय के लिए किया गया है, ताकि अमेरिका के प्रतिबंधों से बचा जा सके. चीन फिलहाल 14 लाख बैरल तेल रोजाना रूस से खरीदता है, लेकिन अब यह खरीद अचानक बंद करना पड़ेगा. चीन में सरकारी कंपनियों के अलावा कई प्राइवेट कंपनियां भी रूसी तेल खरीदती हैं. इन सभी के कारोबार पर अब असर पड़ेगा.
अब कितनी रह जाएगी चीन की खरीद
वॉरटेक्स अनालिटिक्स का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद चीन की सरकारी कंपनियों की रूस से तेल खरीद घटकर 2.50 लाख बैरल प्रतिदिन रह जाएगा, जबकि एक अन्य ऊर्जा परामर्श कंपनी ने यह खरीद 50 हजार बैरल रोजाना की ही बताई है. ट्रेड से जुड़े सूत्रों कहना है कि ब्रिटेन ने भी पिछले दिनों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद चीन की कई कंपनियों ने पहले ही तेल की खरीद बंद कर दी थी.
वॉरटेक्स अनालिटिक्स का कहना है कि अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद चीन की सरकारी कंपनियों की रूस से तेल खरीद घटकर 2.50 लाख बैरल प्रतिदिन रह जाएगा, जबकि एक अन्य ऊर्जा परामर्श कंपनी ने यह खरीद 50 हजार बैरल रोजाना की ही बताई है. ट्रेड से जुड़े सूत्रों कहना है कि ब्रिटेन ने भी पिछले दिनों रोजनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद चीन की कई कंपनियों ने पहले ही तेल की खरीद बंद कर दी थी.




