धर्म

भाई दूज कब है? केवल 2.15 घंटे का मुहूर्त, आयुष्मान् योग में यम द्वितीया, जानें तारीख, तिलक लगाने का शुभ समय

Bhai Dooj 2025 Date: भाई दूज दिवाली के दूसरे दिन कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को मनाते हैं. भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है. इस दिन बहन भाई को तिलक करती है और भोजन कराती है. इस बार भाई दूज पर 3 शुभ योग हैं, लेकिन केवल 2.15 घंटे का मुहूर्त है. कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है. आइए जानते हैं कि भाई दूज कब है? भाई दूज पर तिलक लगाने का मुहूर्त क्या है?

Bhai Dooj 2025 Date: भाई दूज का पर्व दिवालीके दूसरे दिन मनाते हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाते हैं. भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जानते हैं. यम द्वितीया का अर्थ है मृत्यु के देवता यमराज की द्वितीया. इस दिन यम अपनी बहन यमुना के घर गए थे तो उनका आदर-सत्कार किया गया था. इस बार यम द्वितीया यानि भाई दूज पर आयुष्मान योग बन रहा है, जोकि एक शुभ फलदायी योग है. इस अवसर बहन अपने भाई को तिलक लगाती है और भोजन कराती हैं. भाइयों को बहन के घर जाना चाहिए और उनके घर भोजन करना चाहिए. इस बार भाई दूज पर तिलक लगाने के लिए 2 घंटे 15 मिनट का ही मुहूर्त है. आइए जानते हैं कि भाई दूज कब है? भाई दूज पर तिलक लगाने का मुहूर्त क्या है?

भाई दूज की तारीख

दृक पंचांग के अनुसार, भाई दूज के लिए आवश्यक कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि 22 अक्टूबर को रात 8 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है. इस तिथि का समापन 23 अक्टूबर को रात 10 बजकर 46 मिनट पर होगा. उदयातिथि के आधार पर भाई दूज 23 अक्टूबर दिन गुरुवार को है. उस दिन यम द्वितीया मनाई जाएगी. इस बार भाई दूज दिवाली के 2 दिन बाद है. कई बार तिथियों के समय में बढ़ोत्तरी के कारण ऐसा होता है.

3 शुभ योग में भाई दूज

 

इस साल भाई दूज पर 3 शुभ योग बन रहे हैं. भाई दूज के दिन आयुष्मान योग, द्वितीया तिथि में सर्वार्थ सिद्धि योग और रवि योग बन रहे हैं. भाई दूज के दिन आयुष्मान योग प्रात:काल से लेकर अगले दिन 24 अक्टूबर को सुबह 5 बजे तक है. यह योग भाई और बहन की आयु में बढ़ोत्तरी करने वाला होगा.

 

इसके अलावा द्वितीया ति​थि में सर्वार्थ सिद्धि योग 24 अक्टूबर को 04:51 ए एम से लेकर सुबह 06:28 ए एम तक है, वहीं रवि योग भी 04:51 ए एम से लेकर 06:28 ए एम तक है. भाई दूज पर विशाखा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर अगले दिन सुबह 04:51 ए एम तक है, फिर अनुराधा नक्षत्र है.

भाई दूज मुहूर्त

23 अक्टूबर को भाई दूज के दिन ब्रह्म मुहूर्त 04:45 ए एम से 05:36 ए एम तक है, जो स्नान के लिए उत्तम समय माना जाता है. उस दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त दिन में 11:43 ए एम से दोपहर 12:28 पी एम तक है. अमृत काल शाम में 06:57 पी एम से रात 08:45 पी एम तक रहेगा.

भाई दूज पर तिलक लगाने का मुहूर्त

भाई दूज के अवसर पर तिलक लगाने का शुभ मुहूर्त 2 घंटे 15 मिनट है. उस दिन बहनें अपने भाइयों को दोपहर में 1 बजकर 13 मिनट से दोपहर 3 बजकर 28 मिनट के बीच तिलक लगाएं. उसके बाद भाई को भोजन कराकर उसके सुखी जीवन की प्रार्थना करें. भाई भी बहन को उपहार और शुभकामनाएं दें.

भाई दूज का महत्व क्या है?

पौराणिक कथा के अनुसार, यमराज की बहन यमुना की शिकायत थी, उसके भाई उनके घर पर कभी नहीं आते हैं. ऐसे में एक बार कार्तिक शुक्ल द्वितीया को यमराज बहन यमुना के घर गए. उनको देखकर यमुना काफी प्रसन्न हुई. उन्होंने यम को तिलक लगाया और आदर-सत्कार किया, स्वादिष्ट भोजन कराया. इस पर यम काफी खुश हुए. उन्होंने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा. तो उन्होंने कहा कि इस तिथि को जो भाई अपनी बहन के घर जाए, उसे यम का भय न हो. इस पर यमराज ने कहा कि जो भी भाई द्वितीया को अपनी बहन के घर जाएगा, उसे अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा. तब से भाई दूज के दिन सभी भाई अपनी बहन के घर जाते हैं और उनसे तिलक कराते हैं.

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