बदहाली में गुजरा बचपन, सड़कों पर बिताई रात, जिंदगी में बनाई सिर्फ 1 ही फिल्म, नेशनल अवॉर्ड मिलते तोड़ दिया दम

अनुराग कश्यप कहते हैं कि वो चाइना और कोरिया के फिल्ममेकर्स से प्रेरणा लेते हैं. उन्होंने हिंदी सिनेमा के एक दिग्गज का भी नाम लिया जिनसे उन्हें प्रेरणा मिलती है. वो डायरेक्टर अवतार कौल जिन्होंने अपने करियर में सिर्फ एक ही फिल्म 27 Down बनाई जिसके लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला था.
पिता ने बचपन में ढाया जुल्म
प्लेटफॉर्म पर गुजारी रात
द वायर के लिए लिखे एक लेख में विनोद कौल ने अपने चाचा के शुरुआती जीवन को याद करते हुए लिखा था, ‘दिल्ली में सबसे बड़े भाई के रूप में अवतार ने अपने पिता की क्रूरता का सामना किया. एक दिन गुस्से में उनके पिता ने उन्हें घर से बाहर निकाल दिया और चेतावनी दी कि कभी वापस न आएं. कोई आश्रय न होने के कारण, अवतार को दिल्ली रेलवे प्लेटफॉर्म पर सोने के लिए मजबूर होना पड़ा और गुजारा करने के लिए चाय की दुकान पर काम करना पड़ा उनके छोटे भाई उन दिनों को उसी डर और पीड़ा के साथ याद करते हैं जो उन्हें तब महसूस हुआ जब उन्होंने अवतार की कंकाल जैसी स्थिति और निराशाजनक हालत देखी.’
उन्होंने दर्द के साथ आगे कहा था कि उनके पिता के डर से उनके परिवार का कोई उनकी मदद के लिए आगे नहीं जा सका था. 1970 में, अवतार भारत लौटे और मर्चेंट/आइवरी प्रोडक्शंस की फिल्म बॉम्बे टॉकी पर काम किया. उन्होंने बस एक ही फिल्म 27 डाउन का निर्देशन किया था.
अवतार कौल के भतीजे ने उनकी जिंदगी के बारे में बताते हुए कहा कि डायरेक्टर हमेशा अपने परिवार को सबसे आगे रखते थे. पहली ही फिल्म के बाद दुनिया को छोड़ गए निर्देशक अवतार कौल के पास मरने से पहले तीन फिल्मों की स्क्रिप्ट थीं. मेके रैना ने उनकी मौत पर दुख जताते हुए कहा था कि अगर वो जिंदा होते तो शायद फिल्म इंडस्ट्री पर गहरा प्रभाव छोड़ जाते.




