‘स्कूल बना दें…’, बच्ची की मासूम अपील सुनकर भावुक हुए केजरीवाल, बोले- नेताओं को आनी चाहिए शर्म

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिल छू लेने वाला वीडियो शेयर किया है, जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वीडियो बिहार के एक सरकारी स्कूल का है, जिसमें एक छोटी बच्ची तपती धूप में बैठकर पढ़ाई कर रही है…
नेशनल डेस्क
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक दिल छू लेने वाला वीडियो शेयर किया है, जिसने बिहार की शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह वीडियो बिहार के एक सरकारी स्कूल का है, जिसमें एक छोटी बच्ची तपती धूप में बैठकर पढ़ाई कर रही है और सरकार से एक क्लासरूम बनाने की मांग कर रही है। केजरीवाल ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बिहार के नेताओं की जमकर आलोचना की है।
बच्ची ने दर्द बयां किया, ‘बिल्डिंग बना दे’
वीडियो में जब पत्रकार उस बच्ची से सवाल पूछते हैं, तो वह मासूमियत से अपना दर्द बयां करती है। बच्ची बताती है कि बारिश या तेज़ धूप होने पर उन्हें कितनी तकलीफ़ होती है। वह कहती है, “बिल्डिंग बना दे” क्योंकि जब पढ़ाई के समय बारिश होती है, तो बच्चों को इधर-उधर भागना पड़ता है। धूप लगने पर भी जगह बदलनी पड़ती है, और जब कपड़े भीग जाते हैं तो घर जाना पड़ता है। यह बच्ची बार-बार स्कूल के लिए बिल्डिंग बनवाने की गुहार लगा रही है, ताकि बच्चे आराम से पढ़ाई कर सकें।
केजरीवाल बोले: ‘यह बच्ची का हक, नेताओं को शर्म आनी चाहिए’
अरविंद केजरीवाल इस वीडियो को शेयर करते हुए लिखते हैं, “तेज धूप थी, जमीन तप रही थी और बिहार की एक नन्ही बच्ची उसी तपती जमीन पर बैठकर पढ़ाई कर रही थी। उसकी बस इतनी-सी मांग है कि सरकार उसके लिए एक क्लासरूम बना दे, ताकि वो छांव में बैठकर अपने सपनों को जी सके।”
केजरीवाल ने बच्ची की इस मांग को उसका ‘हक’ बताया। उन्होंने दशकों से सत्ता पर काबिज नेताओं पर सवाल उठाते हुए कहा कि जो नेता बच्चों को पढ़ने के लिए छत तक नहीं दे पाए, वे किस मुंह से वोट मांगते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे नेताओं को शर्म आनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर वायरल, बिहार की शिक्षा पर सवाल
यह वीडियो शिक्षा व्यवस्था पर एक गंभीर सवाल खड़ा करता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहाँ बुनियादी ढांचे की भारी कमी है। बच्ची की यह मासूम अपील सोशल मीडिया पर तेज़ी से वायरल हो गई है और लोगों का ध्यान खींच रही है। कई यूज़र्स ने इसे “बिहार की शिक्षा व्यवस्था का आईना” कहा है।