सावन संकष्टी चतुर्थी कब है? बन रहे 4 शुभ संयोग, जानें तारीख, मुहूर्त, चांद निकलने का समय

जुलाई संकष्टी चतुर्थी को सावन संकष्टी चतुर्थी और गजानन संकष्टी चतुर्थी भी कहते हैं. जुलाई संकष्टी चतुर्थी का व्रत सावन कृष्ण चतुर्थी तिथि को रखा जाएगा. इस दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. इस रात चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देते हैं. आइए जानते हैं कि जुलाई संकष्टी चतुर्थी कब है? शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय क्या है?
- जुलाई संकष्टी चतुर्थी सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है.
- यह सावन संकष्टी चतुर्थी और गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है.
- जुलाई संकष्टी चतुर्थी के दिन पहला सावन सोमवार है.
जुलाई संकष्टी चतुर्थी सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को है. यह सावन संकष्टी चतुर्थी और गजानन संकष्टी चतुर्थी के नाम से जानी जाती है. इस बार जुलाई संकष्टी चतुर्थी के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसकी वजह से यह और भी खास बन गई है. संकष्टी चतुर्थी में सुबह के समय गणेश जी की पूजा करते हैं और रात के समय में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूर्ण होता है. चंद्रमा की पूजा नहीं करेंगे, तो आपका व्रत अधूरा ही रहेगा. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि जुलाई संकष्टी चतुर्थी कब है? जुलाई संकष्टी चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और चांद निकलने का समय क्या है?
2025 की जुलाई संकष्टी चतुर्थी की तारीख
2025 की जुलाई संकष्टी चतुर्थी का मुहूर्त
जुलाई संकष्टी चतुर्थी पर बनेंगे 4 शुभ संयोग
इस साल की जुलाई संकष्टी चतुर्थी के दिन 4 शुभ संयोग बन रहे हैं. जुलाई संकष्टी चतुर्थी के दिनपहला सावन सोमवार है, जो भगवान शिव की पूजा का सुंदर दिन है. जुलाई संकष्टी चतुर्थी पर आयुष्मान् योग और सौभाग्य योग बनेंगे. इसके अलावा धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र है.
संकष्टी चतुर्थी पर आयुष्मान् योग प्रात:काल से लेकर शाम 04 बजकर 14 मिनट तक है, उसके बाद से सौभाग्य योग बनेगा. धनिष्ठा नक्षत्र प्रात:काल से लेकर सुबह 06 बजकर 49 मिनट तक है, उसके बाद से शतभिषा नक्षत्र है.
जुलाई संकष्टी चतुर्थी पर चांद निकलने का समय
इस बार सावन की संकष्टी चतुर्थी पर पंचक लग रहा है. यह पंचक पूरे दिन रहेगा.
संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत रखने और पूजा करने से सभी प्रकार के कष्ट और दोष मिटते हैं. विघ्नहर्ता श्री गणेश जी के आशीर्वाद से अमंगल मिटता है और जीवन में शुभता बढ़ती है.