‘हिंसा का फायदा उठाते हैं राजनेता, लोग पीड़ित होते हैं’, मुर्शिदाबाद मामले पर बोलीं ममता बनर्जी

सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग हिंसा में भाग लेते हैं, वे नहीं चाहते कि आम लोगों के लिए कुछ अच्छा हो। अगर दंगा होगा, तो तोड़फोड़ होगी, घर नष्ट हो जाएंगे और लोग मारे जाएंगे। यदि कोई दंगा होता है, तो राजनेताओं को स्थिति का फायदा उठाने का मौका मिल जाता है। मैं कोई दंगा नहीं चाहती।
कोलकाता
मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाएं लोगों को कष्ट पहुंचाती हैं लेकिन राजनेता इस स्थिति का फायदा उठाते हैं। सोशल मीडिया पर पोस्ट की गईं तमाम पोस्ट का उद्देश्य गलत सूचना फैलाकर लोगों को बांटना और हिंसा भड़काना था।
पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में जलपाईगुड़ी और अलीपुरद्वार जिलों तथा सिलीगुड़ी उपमंडल में कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग हिंसा में भाग लेते हैं, वे नहीं चाहते कि आम लोगों के लिए कुछ अच्छा हो। अगर दंगा होगा, तो तोड़फोड़ होगी, घर नष्ट हो जाएंगे और लोग मारे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि यदि कोई दंगा होता है, तो राजनेताओं को स्थिति का फायदा उठाने का मौका मिल जाता है। मैं कोई दंगा नहीं चाहती, मैं शांति और राहत चाहती हूं। मैं ताकत चाहती हूं। मैं चाहती हूं कि लोग किसी भी तरह के डर से मुक्त हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर अधिकतर पोस्ट फर्जी होती हैं। जो लोग इन्हें पोस्ट करते हैं, वे केवल पैसा कमाने के लिए जहरीली मानसिकता के साथ ऐसा करते हैं। मैं उन लोगों का समर्थन करती हूं जो लोगों के लिए अच्छा करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन लोगों का नहीं जो झूठ बोलकर और अफवाह फैलाकर मतभेद पैदा करने की दुर्भावनापूर्ण मंशा रखते हैं। उन्होंने कहा कि मैं मतभेदों की नहीं बल्कि एकता की पक्षधर हूं। उन्होंने लोगों से देश, समाज और शांति के लिए काम करने का आग्रह किया।
पिछले महीने मुर्शिदाबाद जिले के कुछ हिस्सों में वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी। इसमें तीन लोग मारे गए थे। मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज, सुती, धुलियान और जंगीपुर जैसे इलाकों में दंगे हुए। कई लोग अपने घर छोड़कर पड़ोसी मालदा जिले के शिविरों में शरण ले चुके हैं। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गृह मंत्रालय को दंगों पर एक रिपोर्ट सौंपी। इसमें कहा गया कि कट्टरपंथ और उग्रवाद की दोहरी समस्या राज्य के लिए गंभीर चुनौती बन गई है।