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‘धर्म नहीं, ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए पिछड़ापन ही एकमात्र मानदंड,:CM ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को राज्य विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की वार्षिक रिपोर्ट पेश की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछड़ापन ही लोगों के ओबीसी दर्जे को तय करने का एकमात्र मानदंड है, धर्म नहीं।

कोलकाता

 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को ओबीसी दर्ज तय करने को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा कि पिछड़ापन ही लोगों के ओबीसी दर्जे को तय करने का एकमात्र मानदंड है, धर्म नहीं।

 

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सोशल मीडिया पर कुछ लोग गलत जानकारी फैला रहे हैं। उन्होंने कहा कि ओबीसी श्रेणी में किसी व्यक्ति को शामिल करने का धर्म से कोई संबंध नहीं है।

50 नए उपवर्गों का सर्वे कर रहा आयोग
ममता बनर्जी ने राज्य में ओबीसी का दर्जा तय करने के लिए पिछड़ापन को एकमात्र मानदंड बताते हुए कहा कि राज्य सरकार ने एक आयोग का गठन किया है, जो ओबीसी में जोड़ने के लिए 50 नए उपवर्गों का सर्वे कर रहा है।

अधिक पिछड़े ओबीसी-ए और कम पिछड़े लोग ओबीसी-बी में शामिल
मुख्यमंत्री ने बताया कि ओबीसी-ए के तहत 49 उपवर्गों और ओबीसी-बी के तहत 91 उपवर्गों को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि अधिक पिछड़े वर्ग के लोगों को ओबीसी-ए में रखा गया है, जबकि कम पिछड़े लोग ओबीसी-बी में शामिल किए गए हैं।

 

सीएम ने सदन में पेश की आयोग की वार्षिक रिपोर्ट
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पश्चिम बंगाल पिछड़ा वर्ग आयोग की वार्षिक रिपोर्ट सदन में पेश की। जिसके बाद उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए बताया कि लोगों को ओबीसी में शामिल करने का फैसला क्षेत्रीय सर्वे और आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया गया है।

 

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