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‘दुल्हन बिकाऊ है 8000 रुपये…’ रोंगटे खड़े कर देगी कहानी, खरीद-फरोख्त रोकने निकली एक्ट्रेस

शहरों में रहने वाले लोग दूर-दराज के गांवों-कस्बों में रहने वाली महिलाओं का दर्द नहीं समझ पाएंगे. वे आज भी कई बुरी प्रथाओं के जंजाल में उलझे हुए हैं. एक्ट्रेस तृप्ती भोईर दुल्हनों की खरीद-फरोख्त रोकने की मुहिम से जुड़ी हैं. वे अब समाज को जगाने के लिए एक सच्ची कहानी से प्रेरित फिल्म ‘पारो’ लेकर आ रही हैं, जो दर्शकों को झकझोर देगी.

हाइलाइट्स
  • तृप्ती भोईर की फिल्म ‘पारो’ दुल्हन खरीद-फरोख्त पर आधारित है.
  • फिल्म समाज की बुरी प्रथाओं को उजागर करती है.
  • ताहा शाह बदुशा भी फिल्म में अहम भूमिका में हैं.

नई दिल्ली

एक्ट्रेस तृप्ती भोईर दुल्हन की खरीद-फरोख्त जैसी खराब प्रथा को खत्म करने के मिशन से जुड़ी हुई हैं. फिलहाल, वे अपनी अगली फिल्म ‘पारो’ को लेकर चर्चा में हैं, जिसकी रिलीज का सभी को बेसब्री से इंतजार है. फिल्म के जरिये समाज की खराब प्रथा को उजागर किया गया है. पारो फिल्म में दुल्हन की खरीद-फरोख्त को दिखाया गया है. यह उन हालातों को दिखाती है, जहां औरतों को किसी समान की तरह खरीदा-बेचा जाता है. कहानी इन परंपराओं पर सवाल उठाती है.

तृप्ती भोईर ने फिल्म ‘पारो’ में काम करने के अपने अनुभव के बारे में बात करते हुए कहा, ‘यह सफर रोलर-कोस्टर की सवारी की तरह काफी उतार-चढ़ाव वाला रहा है. मैंने अपनी तरफ से हर कोशिश की है कि लोगों में जागरूकता लाई जा सके, सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में. एक महिला होने के नाते, दुल्हन की खरीद-फरोख्त जैसी बुरी प्रथा को खत्म करना मेरे लिए बहुत जरूरी है. यह मेरा कर्तव्य है.’

 

समाज में बदलाव के लिए बनाई फिल्म
एक्ट्रेस का मानना है कि समाज में बदलाव लाने की जिम्मेदारी हम सभी की है, जिसके लिए हर एक भारतीय को आगे आना चाहिए. फिल्म के नेशनल अवॉर्ड विजेता डायरेक्टर और लेखक गजेंद्र अहिरे ने कहा, ‘यह बात हैरान करने वाली है कि आज भी शहरों में रहने वाले लोग नहीं जानते कि औरतों को असल में कितनी तकलीफें झेलनी पड़ती हैं. कुछ छोटे गांवों और कस्बों की महिलाओं का हाल बेहद बुरा है. यह फिल्म इसलिए बनाई गई है, ताकि समाज में बदलाव आ सके और लोग इन मुद्दों पर खुलकर बात कर सकें.’

ताहा शाह बदुशा का भी अहम रोल
फिल्म का पोस्टर पिछले साल दुनिया के मशहूर कान्स फिल्म फेस्टिवल में जारी किया गया था. इस पोस्टर में तृप्ती अपने किरदार में नजर आईं. वह एक प्राइस टैग पकड़े हुए हैं, जिस पर लिखा है- ‘दुल्हन बिकाऊ है- 8000 रुपये.’ वह जानवरों के बीच खड़ी दिख रही हैं. पोस्टर देख ऐसा लगता है कि उन्हें भी जानवरों की तरह खरीदा-बेचा जा रहा है. इस फिल्म में ताहा शाह बदुशा भी हैं, जो हाल ही में ‘हीरामंडी: द डायमंड बाजार’ में नजर आए थे. फिल्म की कहानी गजेंद्र अहिरे और तृप्ती भोईर ने मिलकर लिखी है. गजेंद्र ने साथ ही इस फिल्म को डायरेक्ट भी किया है. वहीं फिल्म के निर्माता संदेश शारदा और तृप्ती भोईर हैं.

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