‘मैं भारत के विचार में यकीन रखता हूं, नफरत की राजनीति में नहीं’, निशिकांत दुबे पर कुरैशी का पलटवार

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर पलटवार करते हुए करारा जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि वे भारत के उस विचार में विश्वास रखते हैं जहां किसी इंसान को उसकी काबिलियत और काम से पहचाना जाता है, न कि धर्म से।
नई दिल्ली
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे अपने बयानों को लेकर इन दिनों लगातार चर्चा में हैं। जहां अब इस मामले में पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने सोमवार को भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर पलटवार किया है।कुरैशी ने कहा कि वे भारत के उस विचार में विश्वास रखते हैं जहां किसी इंसान को उसकी काबिलियत और काम से पहचाना जाता है, न कि धर्म से।
कुरैशी ने कहा कि मैंने पूरी निष्ठा के साथ चुनाव आयोग में काम किया है और मेरा आईएएस करियर भी काफी संतोषजनक रहा है। लेकिन कुछ लोग अपनी नफरत भरी राजनीति के लिए धर्म को आधार बनाते हैं। बता दें कि एसवाई कुरैशी जुलाई 2010 से जून 2012 तक भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त रहे थे। इस पूरे विवाद ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में नई बहस को जन्म दिया है।
भारत हमेशा संविधान पर खड़ा रहा- कुरैशी
कुरैशी ने आगे कहा कि भारत हमेशा संविधान और उसके सिद्धांतों के साथ खड़ा रहा है और आगे भी खड़ा रहेगा। दिल्ली प्रशासन अधिकारी मंच के अध्यक्ष महेश और पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने भी कुरैशी का समर्थन किया। महेश ने कहा कि कुरैशी ने अपने कार्यकाल में चुनाव आयोग में कई अहम सुधार किए, जैसे मतदाता शिक्षा और खर्च नियंत्रण की व्यवस्था की।
क्या है मामला, समझिए
गौरतलब है कि बीते दिनों जब कुरैशी ने वक्फ अधिनियम को लेकर सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यह कानून “मुस्लिमों की ज़मीन हड़पने की योजना” लगती है। इस पर भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने पलटवार करते हुए कहा कि कुरैशी चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि मुस्लिम आयुक्त थे और उनके कार्यकाल में झारखंड में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता बनाया गया।
इतना ही नहीं दुबे ने यह भी कहा कि भारत का इतिहास और संस्कृति बहुत पुरानी है और किसी एक धर्म की जमीन नहीं रही। उन्होंने कुरैशी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वे देश को बांटने जैसी बातें कर रहे हैं, जबकि भारत अब किसी और बंटवारे को स्वीकार नहीं करेगा।