दिल्ली
वक्फ संशोधन कानून पर पहली बार बोले PM मोदी, सुनते ही विपक्ष को लगी मिर्ची, देखें किसने क्या कहा?

वक्फ बोर्ड संशोधन कानून 2025 पर पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से पीएम मोदी ने अपना रिएक्शन दिया है. उन्होंने वक्फ को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच न केवल चिंता को दूर किया है, बल्कि उन्होंने कांग्रेस पर इस कानून को लेकर सालों राजनीति का भी आरोप लगाया है. उनके इस कमेंट के बाद विपक्ष का भी रिएक्शन आया है.
कांग्रेस: तेलंगाना से कांग्रेस एमएलसी अडानायकी दयाकर ने कहा, “मोदी भारत के पीएम हैं, लेकिन वे हमेशा धर्म, क्षेत्र, जाति और लिंग के नाम पर लोगों को बांटते हैं. अब वे मुसलमानों को भी बांटना चाहते हैं. यह कानून हिंदू-मुस्लिम के साथ-साथ मुस्लिम समुदाय को भी विभाजित करता है.’ समाजवादी पार्टी: सपा प्रवक्ता अमीक जमेई ने कहा, ‘बीजेपी के नेतृत्व में भारत डूब रहा है, उभर नहीं रहा. 25 करोड़ मुसलमानों को हिंद महासागर में नहीं डुबोया जा सकता. काले कानूनों से शिया इमामबाड़ों, मस्जिदों और कब्रिस्तानों पर कब्जा नहीं किया जा सकता.’ एआईएडीएमके: प्रवक्ता कोवई सत्यन ने कहा, ‘संविधान हर नागरिक को जीने का अधिकार देता है, लेकिन बीजेपी के सुधार एक वर्ग को कुचलने वाले लगते हैं. वक्फ संशोधन में हितधारकों को विश्वास में क्यों नहीं लिया गया?’
विपक्षी दलों और मुस्लिम संगठनों ने इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन किया है. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 15 अप्रैल को सुनवाई के लिए सहमति दी है.
बीजेपी ने बनाई 4 नेताओं की कमेटी
बीजेपी ने इस कानून के फायदों को जनता तक पहुंचाने के लिए चार नेताओं की एक कमेटी गठित की है. इसमें अनिल एंटनी, जमाल सिद्दीकी, राधामोहन दास अग्रवाल और दुष्यंत गौतम शामिल हैं. यह कमेटी जिला स्तर पर छोटी सभाओं से लेकर सेमिनार तक कई कार्यक्रम आयोजित करेगी. पार्टी का लक्ष्य यह संदेश देना है कि यह कानून आम लोगों के लिए पारदर्शिता, न्याय और लैंगिक समानता सुनिश्चित करेगा।