मनमोहन सिंह : गुजरात के सीएम ने पूर्व पीएम को किया याद, कहा- वे सफल प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के जनक थे

गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए आर्थिक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका निभाई। भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 2004 से 2014 तक देश का सफल नेतृत्व किया। आर्थिक सुधारों की नीति को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए पूर्व पीएम सिंह को दुनियाभर में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है।
गांधी नगर
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने बुधवार को विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को याद किया। पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि देते हुए सीएम भूपेंद्र पटेल ने देश की अर्थव्यवस्था को गति देने में उनके योगदान की सराहना की। पटेल ने कहा कि वे सफल प्रधानमंत्री और आर्थिक सुधारों के जनक थे।
सीएम पटेल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का दिसंबर 2024 में निधन हो गया। उन्होंने 2004 से 2014 तक देश का सफल नेतृत्व किया। कैम्ब्रिज और ऑक्सफोर्ड जैसे शीर्ष संस्थानों से अर्थशास्त्र की पढ़ाई करने वाले मनमोहन सिंह पिछली सरकारों में वित्त सचिव, रिजर्व बैंक के गर्वनर और विवि अनुदान आयोग के अध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे। वह 1991 से 2024 तक राज्यसभा के सदस्य और 1998 से 2004 तक संसद में विपक्ष के नेता रहे।
सीएम ने कहा कि 1991 में वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह द्वारा लाए गए आर्थिक सुधारों ने भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने में अहम भूमिका निभाई। भारत के 14वें प्रधानमंत्री के रूप में उन्होंने 2004 से 2014 तक देश का सफल नेतृत्व किया। आर्थिक सुधारों की नीति को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका के लिए पूर्व पीएम सिंह को दुनियाभर में आर्थिक सुधारों के जनक के रूप में जाना जाता है। देश के प्रति योगदान के लिए उनको पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। सीएम भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भारत ने सिंह के रूप में एक प्रख्यात अर्थशास्त्री और एक महान नेता खो दिया। उन्होंने देश को आर्थिक समृद्धि की ओर अग्रसर किया।
कांग्रेस विधायक दल के नेता अमित चावड़ा ने दावा किया कि पूर्व पीएम पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लगाए गए, लेकिन उसमें कोई साबित नहीं हो सका। उन्होंने बिना किसी द्वेष के कभी भी ऐसे आरोपों का जवाब नहीं दिया। उन्होंने अपने काम से इसका जवाब दिया। भारत और दुनिया के लोग पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को एक राजनेता के बजाय एक योग्य प्रशासक के रूप में याद करते हैं। उन्होंने उदारीकरण और वैश्वीकरण के माध्यम से आर्थिक सुधारों की नींव रखी।
चावड़ा ने कहा कि 1990 में विश्व मंदी से जूझ रहा था। भारत भी विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण भी संघर्ष कर रहा था और आर्थिक पतन के कगार पर था। उस समय डिफ़ॉल्ट से बचने के लिए एकमात्र समाधान हमारे सोने के भंडार को गिरवी रखना था। तब वित्त मंत्री के रूप में डॉ. सिंह के निर्णयों के कारण भारत इस कठिन परिस्थिति से बाहर आया और उनके द्वारा लाए गए सुधारों के कारण अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली। मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, सूचना का अधिकार अधिनियम और शिक्षा का अधिकार अधिनियम सहित कल्याणकारी कानून और नीतियां उनकी विरासत के तौर पर याद किए जाएंगे।