हेल्थ

3 चीजों को खाना छोड़ दीजिए, घोड़े की तरह शरीर में आ जाएगी फूर्ति, सदगुरु ने बताए शानदार टिप्स

Sadhguru Health Tips: यदि आप हमेशा थकान और कमजोरी से चूर रहते हैं, शरीर दर्द से टूटता रहता है तो 3 चीजों को खाना छोड़ दीजिए. सदगुरु जग्गी वासुदेव ने ये हेल्थ टिप्स दिए हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.

हाइलाइट्स
  • शदगुरु ने ऐसी 3 चीजों के बारे में बताएं हैं जो जड़ता बढ़ाता है.
  • इन चीजों को खाने से शरीर में जड़ता और आलस्य बढ़ती है.
  • पेट में गैस पूरे शरीर के प्राण वायु को रोकने का काम करती है.

Sadhguru Health Tips: सदगुरु जग्गी वासुदेव यौगिक और आयुर्वेदिक पद्धति के आधार पर अक्सर लोगों को सेहतमंद रहने के गुर सिखात रहते हैं. वे शरीर को हेल्दी रखने के लिए कई तरह के हेल्थ टिप्स भी देते रहते हैं. ऐसे में उनकी वाणी बहुत महत्व की होती है. लाखों लोग उनकी सलाह पर काम करते हैं और सेहतमंद भी रहते हैं. इस बार उन्होंने अपने प्रवचन में शरीर में एनर्जी लाने का नुस्खा बताया है. सदगुरु बताते हैं कि कुछ चीजों में शरीर में जड़ता लाने की क्षमता होती है वही कुछ पेट में गैस बनाती है. जब पेट में गैस बन लगती है तो यह सिर्फ पेट तक ही नहीं रहती बल्कि यह पूरे सिस्टम में घुस जाती है और शरीर की ऊर्जा को बाधित करती है. इसलिए यदि आप अपने शरीर में गैस को नहीं बनने देते हैं तो खुद को ऊर्जावान बनाने का यह सबसे बेहतर तरीका हो सकते हैं. इसके लिए सदगुरु 3 चीजों को न खाने की सलाह देते हैं. खासकर जो लोग बड़ा काम करना चाहते हैं, विद्यार्थी हैं या साधक हैं, उन्हें जरूर ये काम करने की सलाह देते हैं.

इन 3 चीजों को खाना छोड़ दें

1.कंद-मूल वाली सब्जियां-सदगुरु कहते हैं यदि आप खुद को हमेशा ऊर्जा से लबरेज रहना चाहते हैं तो कंदमूल वाली सब्जियों को खाना छोड़ दें. जैसे कि मूली, गाजर, शलजम आदि. इसका मतलब यह नहीं है कि ये सब्जियां अच्छी नहीं होती हैं लेकिन यह जीरो प्राणिक होती हैं. ये तमस वाली सब्जियां होती हैं. इससे शरीर में जड़ता पैदा होती है. आप आलस्य महसूस करते हैं. विद्यार्थियों और साधकों को इन सब्जियों का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए क्योंकि यह नींद और आलस्य लाती है. इन सब्जियों को खाकर जैसे ही आप किताब खोलेंगे नींद आ जाएगा. थकान और आलस्य होने लगेगा.

2. डेयरी प्रोडक्ट-सदगुरु कहते हैं कि दूध या दूध से बनी चीजें आपके शरीर को आलस्य से भर देगी. इन चीजों से शरीर में जड़ता आती है. इसका सबसे बड़ा कारण है कि डेयरी प्रोडक्ट में एक खास पदार्थ होता है जो मलाशय में जाकर चिपक जाता है. इन चीजों को आर्टिफिशियल तरीके से निकालकर कपड़ा चिपकाने में इस्तेमाल किया जाता है. यह पानी में घुलनशील नहीं होता. इसलिए जब यह मलाशय में चिपक जाता है तो बहुत गैस पैदा करता है. ऐसे में जो मल आसानी से सिस्टम के बाहर निकल जाना चाहिए वो बाहर नहीं निकल पाता है. इसे खाने से शरीर और मन की सतर्कता कम हो जाती है. अगर आप दही-चावल खाएंगे तो आपको कुछ ही देर में नींद लगने लगेगी.ऐसे में आलस्य और शरीर में थकान महसूस होगी. आप एनर्जेटिक फील नहीं करेंगे.

3. मांस-सदगुरु बताते हैं कि अब यह साइंटिफिकली प्रूव हो चुका है कि अगर आप कच्चा मांस खाते हैं कि तो इसे आपके सिस्टम से होकर गुजरने में 70 से 72 घंटे लगते हैं. वही पका हुआ मांस को सिस्टम से बाहर निकलने में 50 54 घंटे लगते हैं. लेकिन यदि आप पका हुआ शाकाहारी खाना खाते हैं तो इसे सिस्टम से निकलने में 24 से 30 घंटे लगते हैं. अगर कच्चा शाकाहारी खाना खाते हैं तो इसे सिस्टम से निकलने में 12 से 15 घंटे लगता है. वहीं यदि आप आप एक फल खाते हैं तो इसे सिस्टम से निकलने में डेढ से 3 घंटे का ही समय लगता है. चूंकि अगर फूड आपकी आहार नली में ज्यादा देर तक रहती है जो इससे गैस बनेगी और वह आपके पूरे सिस्टम में जड़ता लाएगी. पेट की गैस पूरे सिस्टम में आपके प्राण वायु के खिलाफ काम करेगी. इससे सांस लेने, सोचने की प्रक्रिया और सूंघने की क्षमता समय के साथ कम होती जाएगी और आपमें उत्साह की कमी हो जाएगी. इसलिए अगर अपने शरीर को एनर्जाइज रखना चाहते हैं हमेशा के लिए मांस का सेवन छोड़ दें. इसका धार्मिक कारण नहीं बल्कि वैज्ञानिक आधार है.

फिर करना क्या चाहिए
सदगुरु कहते हैं कि शुद्ध भोजन कीजिए. जितना शाकाहारी खाना खाएंगे और खुद से पका हुआ खाना खाएंगे, उतना फायदा होगा. साबुत चीजों को हल्का पकाकर खाएं. जो चीज आप पकाते हैं, उसे एक घंटे के अंदर खा लें. कुछ खास तरह से बनी चीजों को 4 घंटे के अंदर खा लें. इसके बाद पका हुआ भोजन न करें. इससे सांस लेने और सोचने की प्रक्रिया प्रभावित होगी. वहीं दो खाने के बीच कम से कम 6 से 8 घंटे का अंतराल रखें.

डोनेट करें - जब जनता ऐसी पत्रकारिता का हर मोड़ पर साथ दे. फ़ेक न्यूज़ और ग़लत जानकारियों के खिलाफ़ इस लड़ाई में हमारी मदद करें. नीचे दिए गए बटन पर क्लिक कर क्राइम कैप न्यूज़ को डोनेट करें.
 
Show More

Related Articles

Back to top button
Close