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रोजगार मुद्दे पर पूर्व सीएम हरीश रावत ने सरकार को फिर ललकारा, और गृह मंत्री अमित शाह पर भी उठाए सवाल

पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि यदि सरकार ने रोजगार के क्षेत्र में कुछ काम किया है तो केवल 3200 लोगों के ही नाम-पते बता दे, जिन्हें नौकरी मिली हो। रावत ने कहा कि यदि सरकार यह ब्योरा दे देती है वो राजनीति छोड़ देने के अपने बयान का सौ फीसदी पालन करेंगे। रावत ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर हाईकोर्ट की अवमानना का आरोप भी लगाया।

राजीव भवन में प्रेस कांफ्रेस में रावत ने कहा कि नौकरियों के मुद्दे पर वो राजनीति छोड़ने की चुनौती पर पूरी तरह से कायम हैं। सरकार ने रोजगार के क्षेत्र में काम ही नहीं किया है। पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सात लाख, उनके प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने 7.5 लाख, दूसरे सीएम तीरथ सिंह रावत ने 24 हजार और नए सीएम 23 हजार नौकरियों की बात कर रहे हैं।

अब तक जितनी भी नौकरियां दी गई हैं पर सारा होमवर्क कांग्रेस सरकार में हुआ था। मौजूदा सरकार का कोई प्रयास नहीं है। इस सरकार केवल नौकरियां को दबाने, रोकने और पद घटाने का काम किया है। रावत ने केंद्रीय मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाया कि वो स्टिंग प्रकरण पर सीबीआई आदि केंद्रीय एजेंसियों के जरिए कार्रवाई का भय दिखाकर डराने की कोशिश कर रहे हैं। स्टिंग का मामला माननीय अदालत के विचाधीन है। ऐसे में सार्वजनिक जनसभा में उसके जिक्र का क्या मतलब है? यह तो अदालत की भी अवमानना है। रावत ने कहा कि, केंद्र सरकार डराने का लाख प्रयास कर ले, लेकिन किसी से भी डरने वाली नहीं है।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सरकार ने इगास की छुट्टी दी, अच्छी बात है। लेकिन अवकाश पर भी राजनीति न की जाए। कांग्रेस सरकार ने सबसे पहले राज्य के लोगों के लोकमहत्व के पर्वोँ पर अवकाश की परंपरा शुरू की थी। अब इगास की छुट्टी हुई है तो मंगसीर माह की इगास की छुट्टी भी दे दी जाएग तो अच्छा रहे।
नमाज के लिए छुट्टी देने के आरोपों पर भी रावत ने पलटवार किया। कहा कि भाजपा झूठ का प्रचार कर रही है। पूरी सरकार, सीबीआई, सीबीसीआईडी सब मिलकर प्रयास करें और कृपया नमाज की छुट्टी का आदेश और अधिसूचना दिखाएं तो सही। लेकिन भाजपा के लोग हिटलर के उस प्रोपेगेंडा मिनिस्टर जोजेफ गोएबल्स की तरह हैं, जो कहता था कि एक झूठ को बार बार बोलों तो लोग उसे सच मानने लगते हैं। पर जनता भाजपा की हकीकत जान चुकी है।

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