बगलामुखी जयंती कब है? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है और इसके साथ ही शत्रु पराजित होते हैं. मां का एक अन्य नाम देवी पीताम्बरा भी है.
मां बगलामुखी शत्रुओं का नाश करने वाली हैं
बगलामुखी जयंती 20 मई, गुरुवार को है. इस दिन भक्त मां बगलामुखी की पूजा अर्चना करेंगे और मां को प्रसन्न करने के लिए कुछ भक्त उपवास भी रखेंगे. मां बगलामुखी को 10 विद्याओं में से आठवीं महाविद्या माना जाता है. हर साल वैशाख माह में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को बगलामुखी जयंती मनाई जाती है. कोरोना वायरस की दूसरी लहर के कारण बगलामुखी जयंती इस बार लॉकडाउन में पड़ रही है. ऐसे में घर पर ही पूजा करें और मंदिर ना जाएं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मां को पीला रंग अति प्रिय है. मां बगलामुखी की पूजा में उन्हें पीले रंग के फूल, पीले रंग का चन्दन और पीले रंग के वस्त्र अर्पित करने चाहिए. माना जाता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से जातक की सभी बाधाओं और संकटों का नाश होता है और इसके साथ ही शत्रु पराजित होते हैं. मां का एक अन्य नाम देवी पीताम्बरा भी है. आइए जानते हैं बगलामुखी जयंती का शुभ मुहूर्त, और पूजा विधि…
बगलामुखी जयंती 2021 शुभ मुहूर्त
बगलामुखी जयंती शुभ मुहूर्त : 20 मई (11 बजकर 50 मिनट 24 सेकंड से 12 बजकर 45 मिनट 02 सेकंड तक)
बगलामुखी जयंती पूजन विधि:
बगलामुखी जयंती के दिन जातक सुबह नित्य कर्म और स्नानकरने के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें और पूजा अर्चना करें. मां बगलामुखी की पूजा करते वक्त इस बात का ख्याल रहें कि मुंह पूर्व दिशा की तरफ हो. मां बगलामुखी को पीला रंग अति प्रिय है. इसलिए चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं, मां को पीले फूल अर्पित करें और पीले फल का भी भोग भी लगाएं. पूजा के बाद मां मां बगलामुखी की आरती और चालीसा पढ़ें. इसके पश्चात आप अपनी क्षमता के अनुसार ऑनलाइन माध्यम से दान कर सकते हैं. शाम के समय मां मां बगलामुखी की कथा का पाठ करें. मां बगलामुखी जयंती पर व्रत करने वाले जातक शाम के समय फल खा सकते हैं. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं मान्यताओं पर आधारित हैं. क्राइम कैप न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)