सिर्फ खांसी ही नहीं, पेट के अल्सर, गठिया और कई अन्य समस्याओं को जड़ से खत्म कर देगी यह जड़ी-बूटी

मुलेठी (Glycyrrhiza glabra) एक शक्तिशाली हर्ब है, जो पेट के अल्सर, सूजन, और खांसी जैसी समस्याओं के इलाज में उपयोगी है.
मुंबई
जब बात आती है भरोसेमंद प्राकृतिक इलाजों की, तो मुलेठी और इसकी जड़ पीढ़ियों से एक घरेलू पसंदीदा रही है. वैज्ञानिक रूप से Glycyrrhiza glabra के नाम से जानी जाने वाली यह शक्तिशाली हर्ब का उपयोग विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता है. एक अध्ययन जो जॉर्डन के अल-इसरा यूनिवर्सिटी के फार्मेसी फैकल्टी द्वारा किया गया और PubMed में प्रकाशित हुआ, ने यह बताया कि मुलैठी में FT (फैमोतीडाइन) की तुलना में एंटी-अल्सर गतिविधि (Anti-ulcer activity) होती है, जो रेट मॉडल में इंडोमेथासिन-प्रेरित अल्सर का इलाज करती है. दिलचस्प बात यह है कि FT और मुलैठी का संयोजन (Combination of FT and Mulethi) अकेले किसी एक इलाज से अधिक प्रभावी साबित हुआ, जिससे यह संकेत मिलता है कि अल्सर के इलाज में मुलैठी को शामिल करना बेहतर बना सकता है.
मुलेठी के फायदे (Benefits of licorice)
एंटी-इन्फ्लेमेटरी प्रभाव: बता दें कि मुलेठी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. यह गठिया, स्किन की जलन और एलर्जी जैसी समस्याओं को बेहतर बनाने में सहायक है, जिससे यह सूजन संबंधी समस्याओं (Inflammatory problems) के लिए एक इलाज बनती है.
बैक्टीरिया और वायरस से सुरक्षा: बता दें कि मुलेठी की जड़ संक्रमण से लड़ने की अपनी क्षमता के लिए जानी जाती है. इसमें ऐसे फाइटोकैमिकल्स होते हैं जो वायरस के प्रजनन (Reproduction of the virus) को धीमा करते हैं और बैक्टीरिया के विकास को रोकते हैं. यह विशेष रूप से स्टैफिलोकोकस जैसे बैक्टीरिया और हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV-1) और मानव श्वसन सिंकाइटियल वायरस (HRSV) जैसे वायरस के खिलाफ प्रभावी है.
हार्मोन को संतुलित करती है: मुलेठी में फाइटोएस्ट्रोजेन्स होते हैं जो हार्मोनल स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. महिलाएं जो हार्मोनल असंतुलन या मेनोपॉज़ के लक्षणों से गुजर रही हैं, वे इसके प्राकृतिक संतुलन प्रभावों (Natural balancing effects) से काफी लाभ उठा सकती हैं.
खांसी से राहत: मुलेठी का एक बहुत लोकप्रिय उपयोग खांसी को कम करने के लिए होता है. यह बलगम और कफ को कम करके सांस लेना आसान बनाता है. बता दें कि मुलेठी गले की खराश और श्वसन संक्रमण (respiratory infection) से भी राहत प्रदान करती है, जिससे यह सर्दी के मौसम में एक जरूरी घरेलू उपाय बन जाती है.
प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना: एंटीबैक्टीरियल, एंटिवायरल और एंटिफंगल गुणों से भरपूर मुलेठी आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है. यह शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करती है और सर्दी-खांसी जैसी मौसमी बीमारियों के जोखिम को कम करती है.
प्राकृतिक मीठा करने वाला: मुलेठी चीनी से भी मीठी होती है और इसे अक्सर मिठाइयों और दवाओं में एक प्राकृतिक मीठा करने वाले के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. न केवल यह स्वाद बढ़ाती है, बल्कि इसके साथ स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, जिससे यह परिष्कृत चीनी का एक स्वस्थ विकल्प बनता है.
अल्सर से राहत: बता दें कि मुलेठी की जड़ पेट के अल्सर के इलाज और रोकथाम में अत्यधिक प्रभावी है. यह पेट में बलगम का उत्पादन बढ़ाती है, जो पेट की परत (stomach lining) को सुरक्षित रखता है और घाव भरने में मदद करता है. इसके अतिरिक्त, यह गैस्ट्रिन का उत्पादन कम करती है, जो अधिक पेट की अम्लता (Acidity of the stomach) को उत्पन्न कर सकता है.
सावधान रहें: हालांकि, मुलेठी बेहद फायदेमंद है, लेकिन इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए. अत्यधिक उपयोग या लंबे समय तक सेवन से दुष्प्रभाव हो सकते हैं, इसलिए यदि आप इसे नियमित रूप से इस्तेमाल करने का विचार कर रहे हैं तो डॉक्टर से परामर्श जरूर करें.