क्राइम

बैंक मैनेजर की बार-बार शिकायत कर रहे थे लोग, ऐसा खुला राज कि भागकर आई पुलिस

एटा में यूको बैंक मैनेजर से परेशान लोग बार-बार पुलिस से उसकी शिकायत कर रहे थे. पुलिस शिकायतों पर ध्‍यान नहीं दे रही थी, दूसरी तरफ लोगों ने बैंक के बाहर धरना प्रदर्शन भी किया, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. इसके बाद जब मामला खुला तो पता चला कि 1 करोड़ 40 लाख रुपए का गबन हो चुका है. इसके बाद पुलिस भागकर बैंक पहुंची.

एटा.

यूको बैंक के मैनेजर के फर्जीवाड़े, गबन और गड़बड़ी करने की शिकायत लेकर लोग बार-बार पुलिस के पास पहुंचते थे, लेकिन पुलिस कोई कार्रवाई नहीं करती थी. बड़े अफसरों से भी शिकायत की गई और बैंक के सामने प्रदर्शन हुआ. लेकिन बैंक मैनेजर पर कोई एक्‍शन नहीं लिया गया. इसके बाद जब पता चला कि 1 करोड़ 40 लाख रुपये का गबन हो चुका है तब जाकर पुलिस ने आरोपी बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया है. इसके ऊपर कोतवाली नगर में 6 केस दर्ज हैं.

पुलिस अफसर ने बताया कि मेडिकल जांच के बाद आरोपी को जेल भेज दिया गया है. मोहल्ला बनवारी नगर कस्बा व थाना छिबरामऊ जिला कन्नौज निवासी अच्युतकांत त्रिपाठी शहर में स्थित यूको बैंक की शाखा में प्रबंधक थे. ग्राहकों का आरोप है कि इनके माध्यम से होम लोन कराया तो उसकी आधी से ज्यादा रकम इन्होंने खुद ले ली थी. बैंक के ग्राहकों की बार-बार शिकायतों के बाद पुलिस ने एक्‍शन लिया है.

होम लोन की आधी रकम खुद ही रख लेते थे बैंक मैनेजर
बैंक ग्राहकों ने शिकायत में बताया कि बैंक मैनेजर अच्युतकांत त्रिपाठी होम लोन की आधी रकम खुद ही रख लेते थे. ऐसे में न तो हमारा मकान बन सका और न ही आगे और कोई काम कर पा रहे हैं. वहीं, लोन चुकाने के लिए अब बैंक की तरफ से मैसेज आने लगे हैं. वहीं पीड़ित दिव्यांग लोकेंद्र निवासी श्यामनगर ने बताया कि जब हम लोगों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई तो इनको यहां बैंक से हटा दिया गया था. लोकेंद्र ही नहीं कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने कई बार सीओ सिटी से लेकर एसएसपी के यहां तक शिकायत की थी, तब इनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई.

पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही थी, कई बार चक्‍कर काटे, अफसरों से चर्चा की, लेकिन…
एडिशनल एसपी राजकुमार सिंह ने बताया कि आरोपी को मंगलवार की दोपहर बस स्टैंड के पास से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. दिव्यांग लोकेंद्र ने बताया कि यूको बैंक के तत्कालीन प्रबंधक अच्युतकांत त्रिपाठी ने जब हम लोगों के साथ इस प्रकार की धोखाधड़ी की तो हम लोगों ने रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए पुलिस को तहरीर दी. रिपोर्ट तो दर्ज कर ली गई लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हो रही थी. इसके बाद कई बार पुलिस अधिकारियों से वार्ता की, नतीजा नहीं निकला. बाद में हम लोगों ने धरना प्रदर्शन भी किया था.

बाउचर में 3 लाख भरे तो निकाले गए 6 लाख, कैशियर समेत अन्‍य भी मिले हुए थे
बताया कि अच्युतकांत त्रिपाठी हम लोगों से उधार की कहकर खाते से रुपये निकाल लेते थे और बाद में नहीं देते थे. बैंक के बाहर खड़े होकर भी कई बार प्रदर्शन किया लेकिन, उन्होंने हमारी एक भी बात नहीं सुनी गई. उन्होंने बताया कि इनके साथ कैशियर व अन्य लोग भी मिले हुए थे. जो बाउचर पर अधिक रकम भरकर निकाल लेते थे. हमने बाउचर में 3 लाख रुपये भरे तो वह उसको 6 लाख करके निकाल लेते थे. इस मामले की जानकारी हमें पासबुक चढ़वाने के बाद मिली. इसके अलावा एक-दूसरे के साथ इस प्रकार की ठगी होने का मामला सामने आया, तब पता चला कि यहां तो लाखों की धोखाधड़ी की गई है.

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