राज्यसभा : विपक्ष का आरोप- मणिपुर में निलंबित हैं संविधानिक अधिकार, भाजपा सांसदों ने नहीं उठाया मुद्दा

राज्यसभा में विपक्षी सांसदों ने आज मणिपुर का मुद्दा उठाया और भाजपा व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा। टीएमसी सांसद सुष्मिता देव ने पूर्वोत्तर के सांसदों से इस्तीफे की मांग की। वहीं, माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि प्रधानमंत्री को मणिपुर की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
नई दिल्ली
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्यों ने मंगलवार को आरोप लगाया कि मणिपुर में संविधानिक अधिकार निलंबित कर दिए गए हैं। विपक्षी सदस्यों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों पर यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने संविधान पर चर्चा के दौरान इस मुद्दे को नहीं उठाया।
‘भारतीय संविधान के 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए टीएमसी की सुष्मिता देव ने कहा कि भाजपा के पूर्वोत्तर क्षेत्र से आने वाले सांसदों को इस्तीफा देना चाहिए, क्योंकि मणिपुर में संविधान द्वारा जनता को दिए गए सभी अधिकारों को निलंबित कर दिया गया है। देव ने कहा, ‘आज जब हम संविधान पर चर्चा कर रहे हैं, तो मणिपुर में कौन सा संविधानिक अधिकार बचा है, जो निलंबित नहीं किया गया? स्वतंत्रता, अभिव्यक्ति की आजादी..मणिपुर में सब कुछ निलंबित किया जा रहा है।’
टीएमसी सांसद ने आगे कहा, ‘मैं यहां संसद सदस्य के रूप में खड़ी हूं, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रही हूं। मैं मांग करती हूं कि पूर्वोत्तर से हर सांसद और मंत्री, जो सदन के नेता के पीछे अपनी मेज थपथपा रहे हैं, इस्तीफा दें।’
‘एक चुनाव-एक नेता-एक धर्म’ चाहती है सरकार: सुष्मिता देव
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा असम में नागरिकों को अलग-अलग अधिकारों के साथ एक अलग वर्ग में बांट रही है। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को जिस तरह से लागू किया गया, उसमें कोई समानता नहीं है। देव ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ‘एक चुनाव-एक नेता-एक धर्म’ चाहती है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर देश के लिए यह नहीं चाहते थे। यह एक फासीवादी सरकार है, जो खेल-खेल रही है।
पीएम मोदी को लेनी चाहिए मणिपुर की जिम्मेदारी: जॉन ब्रिटास
माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) को मणिपुर जाकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहए। ब्रिटास ने कहा कि उन्हें (पीएम) अपने 11 मंत्रों को पूरा करना चाहिए, जो उन्होंने लोकसभा के फ्लोर पर दिए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) से लेकर चुनाव आयोग, संसद और मीडिया में लोगों का भरोसा लगातार कम हो रहा है।
माकपा सांसद ने सोरोस के पैसे की जांच की मांग की
ब्रिटास ने दावा किया कि देश में अघोषित आपातकाल है। उन्होंने यह भी दावा किया कि एक ‘देश-एक चुनाव’, ‘एक नेता-एक देश-एक विचार’ का विस्तार (एक्सटेंशन) है। उन्होंने यह भी मांग की कि हंगरी मूल के अमेरिकी कारोबारी और निवेशक जॉर्ज सोरोस के पैसे की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए। वहीं, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता और केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने कहा कि ससरकार संविधान में निहित सिद्धातों को लागू करने की कोशिश कर रही है।