पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले नौकरशाहों और राजनयिकों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, सेना के पूर्व उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर रवि वीरा गुप्ता शामिल हैं।
नई दिल्ली
एक स्थानीय अदालत द्वारा अजमेर शरीफ दरगाह के सर्वेक्षण का आदेश देने के कुछ दिनों बाद पूर्व नौकरशाहों और राजनयिकों के एक समूह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी। उन्होंने पीएम मोदी से उन सभी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए हस्तक्षेप की मांग की जो भारत की सभ्यतागत विरासत पर वैचारिक हमला है। नौकरशाहों और राजनयिकों के समूह ने बताया कि पीएम मोदी ही एक ऐसे अकेले इंसान है जो इन अवैद गतिविधियों को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा कि संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर पीएम मोदी ने श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसके जरिए उन्होंने (प्रधानमंत्री) देशवासियों को शांति और सद्भाव का संदेश दिया था।
इन लोगों ने लिखी चिट्ठी
पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले नौकरशाहों और राजनयिकों में दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग, यूनाइटेड किंगडम में भारत के पूर्व उच्चायुक्त शिव मुखर्जी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी, सेना के पूर्व उप-प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व डिप्टी गवर्नर रवि वीरा गुप्ता शामिल हैं। उन्होंने चिट्ठी में कहा, पूजा स्थल अधिनियम के स्पष्ट प्रावधानों के बावजूद अदालतें अनुचित मांगों पर जल्दबाजी के साथ प्रतिक्रिया देती हैं।
बता दें कि हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने अजमेर शरीफ को महादेव का मंदिर बताते हुए अदालत में याचिका दाखिल की थी। अदालत ने इस मामले को सुनवाई के योग्य मानते हुए संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से इस दरगाह पर चादर चढ़ाई जाती है।
पूजा स्थलों पर वैचारिक हमला सभ्यतागत विरासत पर हमला
पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले समूह ने कहा, “विशिष्ट पूजा स्थलों पर वैचारिक हमला हमारी सभ्यतागत विरासत पर हमला है। इससे न तो समाज प्रगति कर सकता है और न ही विकसित भारत का सपना साकार होगा।” उन्होंने आगे कहा, “जो घटना गोमांस ले जाने के आरोप में मुस्लिम पुरुषों को धमकाने या पीटने से शुरू हुई, वह निर्दोष लोगों की उनके घरों के भीतर पीट-पीट कर हत्या में बदल गई। हाल के दिनों में मुस्लिम व्यापारिक प्रतिष्ठानों का बहिष्कार करने, मुसलमानों को किराए पर आवास न देने और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की गई। इससे लगभग 1.54 लाख प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं। लाखों लोग बेघर हो गए।”
चिट्ठी में आगे कहा गया, “ये घटनाएं पर्याप्त नहीं थी। मौजूदा समय में हिंदू हित, मध्ययुगीन मस्जिदों और दरगाहों पर पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग कर रहे हैं।” उन्होंने पीएम मोदी से सबी भारतीयों को यह आश्वस्त करने की अपील की कि सरकार सांप्रदायिक सौहार्द, सद्भाव और एकता बनाए रखने के अपने संकल्प पर दृढ़ रहेगी।
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