खेल

जिस ट्रिक से ऋषभ पंत ने भारत को वर्ल्ड कप दिलवाया, वही बना उनका काल, 99 के स्कोर पर तोड़ गए दिल

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने बैंगलुरु टेस्ट मैच में एक रन से अपना शतक चूक गए. शतक के करीब पहुंचते ही पंत का पैर में कुछ दिक्कत हुई. इसके बाद वह दर्द में दिखे लेकिन खेलना जारी रखा. पंत का वो ट्रिक यहां काम नहीं आया जो उन्होंने टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपनाया था. भारतीय विकेटकीपर का वो ट्रिक बैंगलुरु में उसके लिए काल साबित हुआ.

नई दिल्ली.

ऋषभ पंत और सरफराज खान ने भारत को बैंगलुरु टेस्ट में शानदार वापसी कराई. पहली पारी में 46 रन पर ढेर होने वाली टीम इंडिया ने दूसरी पारी में पंत और सरफराज की बेहतरीन पारियों के दम पर न्यूजीलैंड को मुंहतोड़ जवाब दिया. पंत दो दिन पहले विकेटकीपिंग के दौरान चोटिल हो गए थे. उनका दूसरी पारी में बैटिंग के लिए आना मुश्किल लग रहा था लेकिन इस खिलाड़ी ने घुटने की चोट को दरकिनार कर मैदाम में उतरने का फैसला लिया. हालांकि पंत ने कुछ महीने पहले जिस ट्रिक से भारत को टी20 वर्ल्ड कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई वो यहां काम नहीं आई. शतक के करीब पहुंचने के बाद पंत को उनके दाएं पैर में कुछ दिक्कत हुई जिसके बाद वह थोड़ देर के लिए खुद ही उससे निपटने की कोशिश की. वह 99 रन बनाकर आउट हुए. पंत ने वर्ल्ड कप में कौन सी ट्रिक अपनाई थी जिससे भारत को वर्ल्ड कप जीतने में आसानी हुई, आइए जानते हैं.

दरअसल, हाल में कपिल शर्मा के शो में रोहित शर्मा, सूर्यकुमार यादव, अर्शदीप सिंह और शिवम दुबे पहुंचे थे. कपिल के शा में रोहित शर्मा ने पहली बार बताया था कि टी20 वर्ल्ड कप फाइनल में साउथ अफ्रीका के खिलाफ ऋषभ पंत (Rishabh Pant)  ने विकेट के पीछे चोट का बहाना बनाया था और वो अपना घुटना पकड़कर लेट गए. जिसके बाद फिजियो को बुलाया गया और पंत ने फिजियो से कहा कि वो अपना समय लें. रोहित ने बताया कि पंत ने यह ट्रिक इस लिए अपनाई थी क्योंकि वह बल्लेबाज की एकाग्रता भंग करना चाहते थे जो बेहतरीन टच में दिख रहा था. तब क्रीज पर साउथ अफ्रीकी बैटर हेनरिक क्लासेन थे. रोहित ने बताया कि इससे बल्लेबाज की एकाग्रता भंग हुई और हमें विकेट मिला.

पंत 99 रन बनाकर हुए आउट
ऋषभ पंत ने बंगलुरु टेस्ट में भी चोट को लेकर समय जाया करने की कोशिश की लेकिन इस बार वह इसमें सफल नहीं हो सके. उन्हें 99 के स्कोर पर तेज गेंदबाज विलियम ओ रूके ने क्लीन बोल्ड कर उनके सातवें टेस्ट शतक के मंसूबे पर पानी फेरदिया. सरफराज और पंत ने चौथे विकेट के लिए 211 गेंद में 177 रन की साझेदारी के दौरान न्यूजीलैंड के गेंदबाजों को हावी होने का मौका नहीं दिया. टेस्ट में यह सातवीं बार है जब पंत 90 के बाद आउट होकर शतक पूरा करने से चूक गए.

पंत को मैदान में आते देख लोगों ने ली राहत की सांस
दिन की शुरुआत में जब सरफराज के साथ पंत बल्लेबाजी के लिए मैदान में आए तो भारतीय ड्रेसिंग रूम के साथ प्रशंसकों ने भी राहत की सांस ली. पंत अपनी पारी की शुरुआत में थोड़े असहज लग रहे थे. इस बीच विकेटकीपर टॉम ब्लंडेल ने रन आउट का मौका गंवाकर उन्हें आसान जीवन दान दिया. दिन की शुरुआत में तेज गेंदबाजों की मुफीद परिस्थितियों से पार पाने के बाद पंत ने साउदी की गेंद को दर्शकों के पास भेजने के बाद एजाज पटेल के एक ही ओवर में  दो छक्के लगाकर अपनी फिटनेस की चिंताओं को दूर किया. उन्होंने ग्लेन फिलिप्स के खिलाफ चौका लगा 55 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया. इसके बाद बारिश ने मैच में खलल डाला और मैच लगभग दो घंटे तक रुका रहा जिसमें 40 मिनट लंच ब्रेक भी शामिल था।

पंत को स्विंग ने काफी परेशान किया
बारिश के बाद जब खेल दोबारा शुरू हुआ तो पंत ने बायें हाथ के स्पिनर रचिन रविंद्र के खिलाफ दो छक्के लगाये. पंत ने जब आक्रामक रूख अपनाया तो दूसरे छोर से सरफराज संभल कर बल्लेबाजी करने लगे. न्यूजीलैंड ने इस दौरान भारतीय पारी के 80 ओवर के बार नयी गेंद लेने का फैसला किया और यह टीम के लिए कारगर साबित हुए. उसके तेज गेंदबाजों ने सरफराज और पंत को स्विंग से परेशान किया.

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