कभी खाने के नहीं थे पैसे, 500 रुपए के लिए बने वेटर, रेलवे स्टेशन पर टकराया 1 ऐसा शख्स जिसने बदल दी जिंदगी

बॉलीवुड के एक ऐसे एक्टर जिन्होंने अपने शानदार अभिनय से दर्शकों के बीच पहचान बनाई, लेकिन इंडस्ट्री में उनका सफर आसान नहीं था. कभी 500 रुपए के लिए वेटर बनने वाले एक्टर आज करोड़ों के मालिक हैं. उनके इस सफर में बॉलीवुड के दिग्गज निर्देशक अनुराग कश्यप का बड़ा योगदान रहा है.
नई दिल्ली.
नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने एक बार नहीं, कई बार अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया है. आज उनकी पहचान एक ऐसे आर्टिस्ट के तौर पर होती है जिसने फिल्मों में छोटे-छोटे रोल निभा अपना मुकाम हासिल किया है. कमर्शियल सक्सेस न मिलने के बावजूद वह खुदको एक उम्दा एक्टर के तौर पर स्थापित करने में सफल रहे हैं. नवाजुद्दीन सिद्दीकी अपने कई इंटरव्यू में इस बात का जिक्र कर चुके हैं कि फिल्मों की दुनिया में उनका सफर कभी भी आसान नहीं था.
‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी को अनुराग कश्यप की खोज कहा जाता है. अपने हालिया इंटरव्यू में डायरेक्टर ने एक्टर से अपनी पहली मुलाकात के बारे में बात की. नवाजुद्दीन सिद्दीकी और अनुराग कश्यप की जोड़ी बॉलीवुड की सबसे सफल एक्टर-डायरेक्टर की जोड़ी में से एक है. इन दोनों ने गैंग्स ऑफ वासेपुर, सेक्रेड गेम्स और रमन राघव 2.0 में साथ काम किया है.
अनुराग कश्यप ने बताया कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी से उनकी पहली मुलाकात रेलवे स्टेशन पर हुई थी जहां वो एक्टर राजपाल यादव का बैग उठा रहे थे. ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ डायरेक्टर कहते हैं, ‘एक बहुत अच्छे एक्टर राजपाल यादव थे लेकिन वह मुंबई छोड़कर जा रहे थे क्योंकि वह बुरी तरह निराश हो गए थे. एक एक्टर अशरफ उलहक थे जो अब नहीं हैं, उन्होंने मुझसे कहा था कि मैं राजपाल यादव से बात करूं और उन्हें आशा की किरण दिखाऊं.
छोटे-छोटे काम से करते थे गुजारा
उन दिनों अनुराग कश्यप फिल्म ‘शूल’ की शूटिंग कर रहे थे जिसमें उन्होंने राजपाल यादव को कास्ट किया. नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी काम की तलाश में थे और उन्होंने भी अनुराग से फिल्म में रोल मांगा. डायरेक्टर ने उन्हें कहा कि वो रोल बहुत ही छोटा है और उनके लायक नहीं है. लेकिन नवाजुद्दीन के पास खाने तक के पैसे नहीं थे जिस वजह से वह कोई भी छोटा-मोटो काम करने को तैयार रहते. ऐसे में उन्होंने निर्देशक से कहा कि 500 रुपए के लिए वह ‘शूल’ में वेटर का रोल निभाएंगे.
अनुराग कश्यप बने मसीहा
मनोज बाजपेयी और रवीना टंडन की फिल्म शूल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने महज कुछ सेकंड का रोल निभाया था. दर्शकों ने शायद उन्हें नोटिस भी नहीं किया था. लेकिन वह अपने छोटे से रोल से ही डायरेक्टर को इंप्रेस करने में सफल रहे थे और साल 2012 में आई अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ ने नवाजुद्दीन की किस्मत पलट दी.