रोज पीता था 2-3 एनर्जी ड्रिंक, कार्डिएक अरेस्ट से चली गई जान, कहीं आप तो नहीं करते ऐसा, डॉक्टर से समझ लीजिए नुकसान
: एनर्जी ड्रिक की खतरनाक आदत ने भरी जवानी में एक शख्स की जान ले ली. वह शख्स रोजाना 2 से 3 कैन एनर्जी ड्रिंक पी लेता था. लेकिन क्या सच में इसे पीने से कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए फोर्टिस अस्पताल, नई दिल्ली में कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के प्रमुख डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी से बात की.
Cardiac arrest
ब्रिटेन में 34-साल के एक व्यक्ति को एनर्जी ड्रिंक पीने की खतरनाक आदत थी. लेकिन इस आदत ने भरी जवानी में उसकी जान ले ली. उसे कार्डिएक अरेस्ट आया और उसकी मौत गई. यह व्यक्ति दिन में दो से तीन कैन एनर्जी ड्रिंक रोजाना पी जाता था. डॉक्टरों ने 6 सप्ताह तक उसके हार्ट का मॉनिटर किया जिसके बाद इस निष्कर्ष पर पहुंचा कि उसे कार्डिएक अरेस्ट आया था. क्योंकि वह बहुत ज्यादा एनर्जी ड्रिंक पीता था जिससे उसे डिहाइड्रेशन हो गया. उसकी पत्नी ने यह भी बताया कि आरोन शेरेवे नाम का यह शख्स कॉफी भी बहुत पीता था. ज्यादा एनर्जी ड्रिंक कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक का कैसे कारण बनता है, इसे लेकर हमने मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी से बात की.
जी, ज्यादा एनर्जी ड्रिक से हार्ट अटैक हो सकता
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि ज्यादा एनर्जी ड्रिंक आने से किसी को कार्डिएक अरेस्ट या हार्ट अटैक भी आ सकता है. इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं. एक तो एनर्जी ड्रिंक में कैफीन की मात्रा ज्यादा होती है. जब शरीर में कैफीन ज्यादा हो जाएगा तो इससे एड्रिनलीन हार्मोन बढ़ जाएगा. जब एड्रीनलीन हार्मोन बढ़ेगा तो इससे वीटीवीएफ यानी वेंट्रिकुलर ट्रैकिकार्डिया और वेंट्रिकुलर फिब्रेलेशन की स्थिति पैदा हो जाएगी. यह हार्ट की असमान्य गतिविधियां हैं. इससे खून की धमनियों में प्लाक जमा हो जाएगा और अचानक यह फटकर थक्का बना लेगा जिससे हार्ट अटैक या कार्डिएक अरेस्ट आ सकता है. इसमें सडेन डेथ भी सकता है. इसलिए किसी भी हाल में कैफीन का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए. खासकर उन लोगों को जिसे हार्ट की जटिलताएं ज्यादा है.
किन लोगों को ज्यादा खतरा
एनर्जी ड्रिंक जो लोग ज्यादा लेते हैं उनमें सडेन डेथ का खतरा तो रहता ही है लेकिन जिन लोगों में पहले से हार्ट डिजीज का रिस्क है अगर वे ज्यादा एनर्जी ड्रिंक पिएं तो उनमें बहुत जल्दी हार्ट अटैक आ सकता है. डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने कहा है कि अगर किसी में कोरोनरी आर्टरी डिजीज है तो उसके आर्टरी में प्लाक (बैड कोलेस्ट्रॉल का चिपचिपा कचरा खून की नलियों में चिपक जाता है.) फट जाता है. जैसे ही प्लाक फटता है खून का थक्का बनकर नलियों में रास्ता रोक देता है जिससे खून हार्ट की तरफ बढ़ता ही नहीं है. इससे तुरंत हार्ट अटैक आ जाएगा. इसके अलावा जिनमें चैनेलोपैथी (हार्ट संबंधी जेनेटिक बीमारी), हाइपरकार्डियोमायोपैथी (इस बीमारी मेंहार्ट के मसल्स बहुत पतले होते हैं.), एरिथमोजेनिक राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी जैसी बीमारियां हैं, उनमें कैफीन के कारण ज्यादा एड्रिनलीन के बनने से पहले वीटीवीएफ आता है और फिर सडेन डेथ हो जाता है.
कैफीन का ज्यादा सेवन खतरनाक
डॉ. नित्यानंद त्रिपाठी ने बताया कि कैफीन एक निश्चित मात्रा के बाद टॉक्सिन बनने लगती है जिसके बाद यह शरीर के विभिन्न अंगों को नुकसान पहुंचाने लगता है. इसमें हार्ट को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है. Adrenaline के ज्यादा रिलीज होने से प्लाक रप्चर हो सकता है और वहां क्लॉट बन जाता है. इससे वेंट्रिकुलर ट्यूबलेशन और वेंट्रिकुलर ट्रेकिकार्डिया हो सकता है. उन्होंने बताया कि ज्यादा कैफीन से नोरेपिनेफ्रीन हार्मोन भी ज्यादा रिलीज होता है. यह हाई बीपी को बढ़ा देता है और फिर उसी तरह की समस्याएं यानी वेंट्रिकुलर ट्रेकिकार्डिया का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.
फिर क्या करना चाहिए
एनर्जी ड्रिंक से जितना हो सके इससे पीना ही नहीं चाहिए. अगर पीते हैं तो कभी-कभार ही पिएं. इसके साथ ही किसी भी तरह से कैफीन का ज्यादा सेवन न करें. कॉफी भी ज्यादा नहीं पीनी चाहिए. खासकर ब्लैक कॉफी. दिन में एक-दो कप से ज्यादा कॉफी नहीं पीनी चाहिए.