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हिंडनबर्ग : आरोपों पर बोलीं माधबी- हिंडनबर्ग रिपोर्ट बेबुनियाद; कांग्रेस-TMC ने सेबी चीफ और सरकार को घेरा

हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की। इस पर राजनीतिक दलों ने सरकार के साथ साथ सेबी प्रमुख को कठघरे में खड़ा किया है। हालांकि, नई रिपोर्ट और आरोपों को खारिज करते हुए सेबी चीफ और उनके पति धवल बुच ने कहा है कि ये चरित्र हनन का प्रयास है। जानिए किसने क्या कहा…

नई दिल्ली

हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद राजनीतिक दलों की तरफ से बयान आने शुरू हो गए हैं। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस ने मांग की है कि सरकार अदाणी की सेबी जांच में हितों के सभी टकरावों को खत्म करने के लिए तुरंत कार्रवाई करे। पार्टी ने तर्क दिया कि देश के सर्वोच्च अधिकारियों की कथित मिलीभगत की निष्पक्ष जांच केवल जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) गठित करके ही कराई जा सकती है।

सेबी प्रमुख के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि अब पता चला कि संसद की कार्यवाही को अनिश्चितकाल के लिए क्यों स्थगित कर दिया गया। संसद की बैठक 12 अगस्त तक निर्धारित थी, लेकिन उसे 9 अगस्त को ही स्थगित कर दिया गया। एक अन्य पोस्ट में रमेश ने सेबी प्रमुख पर निशाना साधा और रोमन कवि जुवेनल के ‘व्यंग्य’ से प्रेरित होकर लैटिन मुहावरे- ‘क्विस कस्टोडिएट इप्सोस कस्टोड्स’ का इस्तेमाल किया। उन्होंने पूछा कि पहरेदार की रखवाली कौन करेगा?

तृणमूल सांसद महुआ का तीखा सवाल
कांग्रेस के अलावा, तृणमूल कांग्रेस ने सेबी प्रमुख को घेरा है। तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने एक्स पर पोस्ट में उद्योगपति गौतम अदाणी पर भी निशाना साधा। उन्होंने इसे अदाणी स्टाइल बताते हुए आरोप लगाया कि सेबी चेयरमैन भी उनके समूह में निवेशक हैं। क्रोनी कैपिटलिज्म अपने चरम पर है। महुआ ने केंद्रीय जांच एजेंसियों सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक को टैग कर सवाल किया कि क्या हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बाद POCA कानून और PMLA (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज कर जांच की जाएगी।
सेबी ने पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया, अब स्पष्ट हुआ: प्रियंका
हिंडनबर्ग की इस रिपोर्ट पर शिवसेना (यूबीटी) नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने शनिवार को प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब यह स्पष्ट हो गया है कि सेबी ने अदाणी समूह की कंपनियों के विवरण मांगने वाले उनके पत्रों का जवाब क्यों नहीं दिया। चतुर्वेदी ने पिछले साल अप्रैल में अदाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ जांच का विवरण मांगा था।

सवाल- अब मामले की जांच कौन करेगा: आनंद दुबे
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट इस मामले में सेबी प्रमुख की संलिप्तता का सुझाव देती है। उन्होंने कहा, अब सवाल यह है कि मामले की जांच कौन करेगा। जिस तरह से संसद सत्र संपन्न हुआ, ऐसा लग रहा है कि कुछ गड़बड़ है।

दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया: पवन खेड़ा
SEBI प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगे आरोपों वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, ‘दूध का दूध पानी का पानी अपने आप हो गया। भारत सरकार ने कोई विशेष जांच की तरफ ध्यान नहीं दिया था। हिंडनबर्ग ने ही एक और रिपोर्ट निकाली जिसमें इनका सारे कारनामे सबके सामने आ गए। ऑफशोर कंपनी में उनके निवेश सामने आ गए…जब सबकुछ सामने है तो सवाल उठता है कि माधवी बुच को जब SEBI का प्रमुख बनाया था तब क्या भारत सरकार को ये जानकारी नहीं थी? अगर नहीं थी तो ये बहुत बड़ी विफलता है… राहुल गांधी ने कहा था चौकीदार चोर है, वो साबित हो गया।’

ये गंभीर मामले हैं: शशि थरूर
SEBI प्रमुख माधवी बुच और उनके पति पर लगे आरोपों वाली हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, ‘ये गंभीर मामले हैं। मुझे इनके विवरण की जानकारी नहीं है…ऐसे किसी भी आरोप का संतोषजनक उत्तर दिया जाना चाहिए या इसकी जांच होनी चाहिए। इन बातों को यहीं लटका कर नहीं छोड़ा जा सकता और न ही हमारी व्यवस्था की अखंडता पर संदेह किया जा सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि या तो आरोपी लोगों द्वारा संतोषजनक स्पष्टीकरण दिया जाए या फिर जांच होनी चाहिए।” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वायनाड यात्रा पर उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि प्रधानमंत्री ने वहां इतना समय बिताया और मुझे उम्मीद है कि लोगों को और सहायता मिलेगी…पीड़ितों को सरकार से कुछ मदद की जरूरत है।’

क्या है हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट
10 अगस्त को जारी नवीनतम हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति की “अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल की गई दोनों अस्पष्ट अपतटीय संस्थाओं” में हिस्सेदारी थी। हिंडनबर्ग ने अपनी नई रिपोर्ट में कहा है कि 18 महीने पहले अदाणी समूह पर अपनी रिपोर्ट जारी की थी, लेकिन सेबी ने समूह पर कार्रवाई नहीं की।

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद सेबी चीफ माधबी बुच और पति धवल का बयान
सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल ने हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ 10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में कई आरोप लगाए गए हैं। इन आरोपों के संदर्भ में हम यह बताना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों और आक्षेपों का दृढ़ता से खंडन करते हैं। इनमें कोई भी सच्चाई नहीं है। दंपती ने कहा ‘हमारा जीवन और वित्तीय लेनदेन एक खुली किताब की तरह है। पिछले कुछ वर्षों में आवश्यक सभी खुलासे पहले ही सेबी को सौंप दिए गए हैं, हमें किसी भी वित्तीय दस्तावेजों का खुलासा करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है’।

मनीष तिवारी ने भी साधा निशाना
हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट 2024 पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा, ‘ये जो सारा मामला है, जो पहली रिपोर्ट भी उन्होंने प्रकाशित की थी, उसकी एक संयुक्त संसदीय समिति से जांच होनी चाहिए… जो संस्थाएं हैं उनकी विश्वसनीयता को कायम रखने के लिए ये अत्यंत आवश्यक है… इसकी पूरी तरह से निष्पक्ष जांच करवाकर किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाए।’

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को बताया चरित्र हनन का प्रयास
माधबी और धवल ने कहा कि जांच के दौरान सेबी को वे दस्तावेज भी दिए गए हैं जो उस अवधि से संबंधित हैं, जब हम सेबी से नहीं जुड़े थे। इसके अलावा, पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए हम उचित समय पर एक विस्तृत बयान भी जारी करेंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसके खिलाफ सेबी ने कार्रवाई की है और कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है, उसने चरित्र हनन का प्रयास करने का विकल्प चुना है।

 

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