बांग्लादेश में हिंसक झड़पों के बीच शेख हसीना ने ‘छोड़ा देश’, PM आवास में घुसे प्रदर्शनकारी
बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने एक विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ शुरू हुआ था. विरोध प्रदर्शन अब सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है.
ढाका
Bangladesh protests LIVE: बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने सोमवार को राजधानी ढाका छोड़ दिया है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी AFP को बताया, “पीएम शेख हसीना और उनकी बहन गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. वह भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं. लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिल सका. इस बीच प्रदर्शनकारी PM आवास घुस आए हैं.”
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान कल भीषण झड़पों में 98 लोगों के मारे जाने के बाद आज राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है. प्रधानमंत्री हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे सैकड़ों हजारों प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए राजधानी की सड़कों पर मार्च किया है.
भारत ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर
बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बीच भारत ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के ताजा हालातों को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त हिदायत दी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश में मौजूद अपने नागरिकों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “वर्तमान घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है. वर्तमान में बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को सीमित रखने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के आपातकालीन फोन नंबरों के जरिए संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है.”
रविवार को हिंसक झड़पों में 90 लोगों की हुई मौत
ढाका से मिली खबरों के अनुसार, रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सुरक्षा बलों के जवानों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पों में 14 पुलिसकर्मियों सहित कम से कम 90 लोग मारे गए. प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बांग्लादेश में छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने एक विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ शुरू हुआ था. विरोध प्रदर्शन अब सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है. यह विरोध प्रदर्शन देश की सिविल सेवा नौकरियों के लिए कोटा प्रणाली में सुधार की मांग से को लेकर है, जो विशिष्ट समूहों के लिए पद आरक्षित करता है, जिसमें पाकिस्तान के खिलाफ 1971 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वालों के वंशज भी शामिल हैं. 25 जुलाई को विदेश मंत्रालय ने कहा था कि बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए करीब 6,700 भारतीय छात्र वहां से वापस लौटे हैं.