मोदी सरकार ने लाखों बच्चों का टीकाकरण न करके बहुत बड़ा पाप किया: मिशन इंद्रधनुष को लेकर बोले खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘मिशन इंद्रधनुष’ कार्यक्रम के तहत टीकाकरण करने में कथित विफलता के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
नेशनल डेस्क
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ‘मिशन इंद्रधनुष’ कार्यक्रम के तहत टीकाकरण करने में कथित विफलता के लिए भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “पीएम केयर्स केवल दिखावे के लिए है।” इसे गंभीर पाप बताते हुए राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने दावा किया कि 2023 में 16 लाख बच्चों को डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) और खसरे के प्रमुख टीके उपलब्ध नहीं कराए गए।
उन्होंने आरोप लगाया कि कोविड महामारी के दौरान अनाथ हुए बच्चों की सहायता के लिए लगभग आधे आवेदनों को पीएम केयर्स फंड द्वारा “बिना कोई कारण बताए” खारिज कर दिया गया। मिशन इन्द्रधनुष केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित एक प्रमुख नियमित टीकाकरण अभियान है। वर्ष 2014 में शुरू की गई यह योजना यह सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है कि नियमित टीकाकरण सेवाएं उन बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पहुंचें, जो पहले टीकाकरण कार्यक्रम से चूक गए थे या उससे बाहर हो गए थे।
पीएम मोदी ने टीकाकरण न करके बहुत बड़ा पाप किया
एक्स पर एक पोस्ट में खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार कांग्रेस पार्टी द्वारा रखी गई टीकाकरण में भारत की मजबूत नींव को ‘बर्बाद’ कर रही है। कांग्रेस नेता ने एक्स पर लिखा, “मोदी सरकार ने लाखों बच्चों का टीकाकरण न करके बहुत बड़ा पाप किया है। टीकाकरण की उपेक्षा का मतलब है बहुमूल्य जीवन की हानि। कांग्रेस पार्टी द्वारा टीकाकरण में भारत की मजबूत नींव रखी गई उपलब्धियों को मोदी सरकार ने बेशर्मी से बर्बाद कर दिया है, क्योंकि 16 लाख बच्चों को 2023 में डिप्थीरिया, टेटनस और पर्टुसिस (डीटीपी) और खसरे के प्रमुख टीके नहीं दिए गए हैं, जिससे 2022 में होने वाले लाभ खत्म हो गए हैं।”
उन्होंने कहा, “केवल इतना ही नहीं, मीडिया रिपोर्टों द्वारा उजागर की गई कोविड अनाथ बच्चों के प्रति घोर उदासीनता और घोर तिरस्कार से पता चलता है कि ऐसे बच्चों को सहायता के लिए लगभग 50% आवेदन #PMCARES फंड द्वारा बिना कोई कारण बताए खारिज कर दिए गए! @narendramodi जी, अगर हमारे बच्चों की देखभाल नहीं की जाएगी तो हम ‘विकसित भारत’ कैसे सुनिश्चित करेंगे? वास्तव में PM CARES केवल दिखावे के लिए है!”
2014 को लॉन्च किया गया था मिशन इन्द्रधनुष
1985 में शुरू किया गया भारत का टीकाकरण कार्यक्रम दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा स्वास्थ्य कार्यक्रम है, जो प्रतिवर्ष 2.7 करोड़ (27 मिलियन) बच्चों के जन्म समूह को लाभ पहुंचाता है। मिशन इन्द्रधनुष (एमआई) को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 25 दिसंबर, 2014 को लॉन्च किया गया था। इस योजना का उद्देश्य उन सभी बच्चों को शामिल करना है, जिन्हें टीके से बचाव योग्य बीमारियों के खिलाफ या तो टीका नहीं लगाया गया है या आंशिक रूप से टीका लगाया गया है।
क्या है सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम?
भारत का सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (यूआईपी) प्रतिवर्ष 26 मिलियन बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए निःशुल्क टीके उपलब्ध कराता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार, सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम के तहत देश भर के सभी बच्चों को क्षय रोग, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनस, पोलियो, हेपेटाइटिस बी, निमोनिया, हेमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप बी (एचआईबी) के कारण होने वाले मेनिनजाइटिस, खसरा, रूबेला, जापानी इंसेफेलाइटिस (जेई) और रोटावायरस डायरिया से बचाने के लिए जीवन रक्षक टीके निःशुल्क उपलब्ध कराए जाते हैं (चुनिंदा राज्यों और जिलों में रूबेला, जेई और रोटावायरस टीके)।